स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच कुत्तों जैसी लड़ाई देखने को मिली। दोनों ओर से आरोपों की जैसे प्रतियोगिता हो और जैसे वे भूल गए हों कि यह सड़क या गली मोहल्ले नहीं बल्कि सम्मानित सदन है जिसमें उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व होता है। अमर्यादित व्यवहार, छींटाकसी, सरकार विरोधी नारेबाजी, हंगामें और अराजक जैसे माहौल में राज्यपाल बीएल जोशी ने किसी तरह अभिभाषण की पहली और आखरी लाइन पढ़ी। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के विधायकों ने काले कपड़े पहने हुए थे जबकि भाजपा के और रालोद विधायक बैनर लिए हुए थे। पहले दिन सदन की कार्यवाही केवल ढाई तीन मिनट ही चल सकी। सदन में लहरा रहे बैनरों पर लिखा था माया राज में मिली है छूट जितना लूट सको लो लूट और महंगाई और भ्रष्टाचार मायावती के गले का हार। सदन की नेता और मुख्यमंत्री मायावती ने भी जवाबी कार्रवाई की और सपा को गुंडों माफियाओं की पार्टी बताकर विपक्ष पर मनमर्जी के आरोप लगाए।
विधानसभा बजट सत्र में राज्यपाल का भाषण पढ़ा मान लिया गया और इसके बाद मुख्यमंत्री मायावती का विपक्ष पर हमला शुरू हुआ। सरकार विपक्ष के पूरे दबाव में नज़र आई। मायावती ने कहा कि राजा भैय्या की रिहाई की मांग से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि समाजवादी पार्टी अब 'राजा भैय्या गुंडा पार्टी' हो गई है। मायावती के उपलब्धियों के दावों को विपक्ष ने सिरे से खारिज कर दिया। मायावती के सारे तर्क छींटाकसी और नारेबाजी के शिकार हुए। विधानसभा के भीतर का माहौल देखकर कोई भी कह सकता था कि यह सदन नहीं लगता है। मायावती ने कहा कि सपा सरकार के समय करेली इलाहाबाद मदरसा बलात्कार कांड और कविता हत्याकांड सपा के गुंडाराज का जीता-जागता उदाहरण है और तत्कालीन कांग्रेस सरकार फूलन देवी के मामले में समय रहते कार्रवाई करती तो उन्हें मजबूर होकर हथियार न उठाने पड़ते।
मायावती ने सवाल किया कि कांग्रेसियों को दिल्ली एवं हरियाणा में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अत्याचार क्यों नहीं दिखायी पड़ते? उन्होंने कहा कि बीएसपी देश की ऐसी इकलौती पार्टी है जिसने कानून तोड़ने वाले अपनी ही पार्टी के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को भी जेल भेजा है। उत्तर प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था की बात करने वाले विपक्षी दलों को आगामी विधान सभा चुनाव में जनता खुद जवाब दे देगी। उन्होंने बार-बार सपा को निशाना बनाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने जिस तरह से सदन में आचरण किया वह संसदीय मर्यादाओं एवं परंपराओं का खुला उल्लंघन है और वह संयुक्त अधिवेशन के दौरान विपक्ष के आचरण की कड़ी निंदा करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था बहुत अच्छी है और प्रदेश की जनता इससे काफी संतुष्ट भी है।