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देहरादून।उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बताया है कि नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुए मुख्य सचिवों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने राज्य में वन भूमि हस्तांतरण अधिकार की सीमा एक हेक्टेयर से बढ़ाकर दो हेक्टेयर करने पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस निर्णय से उत्तराखंड को वन भूमि हस्तांतरण में लंबित पड़ी विभिन्न विकास योजनाओं को गति प्रदान करने में सहायता मिलेगी। मुख्य सचिव ने बताया कि इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड सरकार की लंबे समय से चली आ रही ग्रीन बोनस की मांग पर भी सकारात्मक रुख दिखाया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उत्तराखंड की पर्यावरणीय सेवाओं को संरक्षित रखने के लिए ग्रीन बोनस और वनों के संरक्षण के फलस्वरूप होने वाली क्षतिपूर्ति के रूप में प्रारंभिक तौर पर विगत 10 वर्ष में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 5000 करोड़ रुपये की एकमुश्त धनराशि और तत्पश्चात न्यूनतम आधार पर 1000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की मांग की है। मुख्य सचिव ने यह भी बताया है कि प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में विगत वर्षाकाल में आयी दैवीय आपदा के समय राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन कार्यो की भी भूरि-भूरि प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि राहत कार्यो के संचालन में राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने महाकुंभ 2010 के सफल आयोजन और इसके प्रबंधन पर भी राज्य सरकार की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कुंभ मेले को देश और दुनिया का एक बड़ा मेला बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मेले का संचालन एक कुशल योजना बनाकर किया और इस सफल आयोजन से पूरे विश्व में एक अच्छा संदेश गया।