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कलाकृतियों का कानूनी तौर पर भी संरक्षण

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पुस्तक विमोचन-book launching

नई दिल्ली। केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा है कि सार्वजनिक स्‍थानों पर कलाकृतियों के संरक्षण के लिए एक कानूनी ढांचे की जरूरत है और सरकार इस पहलू पर काम में जुटी है। पुस्‍तक विमोचन के लिए शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कुमारी सैलजा ने कहा कि वैसी कलाकृतियां, जो सार्वजनिक स्‍थानों पर रखी गई हैं, उनका संरक्षण एक संवेदनशील मुद्दा है और उसके समाधान की जरूरत है।

उन्‍होंने कहा कि इस संबंध में नागरिक समाज की महत्‍वपूर्ण भूमिका है, जिसे सार्वजनिक स्‍थानों में कलाकृतियों की स्‍थापना से गर्व होता है और जो इसकी रक्षा करने की जिम्‍मेदारी चाहता है। संस्‍कृति मंत्री ने कहा कि कला को जनता के करीब लाना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्‍होंने कहा कि कलाकृतियां वैसी चीजें नहीं हैं, जिन्‍हें संग्रहालयों और गैलरियों तक सीमित किया जाए और न ही यह अभिजात्य वर्ग की परिरक्षित हैं। उन्‍होंने कहा कि कलाकृतियों के लिए सही स्‍थान जनता के साथ और सार्वजनिक स्‍थानों और लोगों के दिल में है। कुमारी सैलजा ने कहा कि कला की वास्‍तविक रूप से इतनी पहुंच होनी चाहिए कि यह हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्‍सा बन जाए। उन्‍होंने इस संबंध में हुडको के प्रयासों की सराहना की।

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