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मुंबई।मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मुंबई के सायन (पूर्व) में सोमैया कालेज मैदान में आयोजित हिंदी भाषियों के सम्मेलन में कहा कि देश की समृद्धि एवं खुशहाली में हिंदी भाषियों का बड़ा भारी योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति है और इस देश में क्षेत्र भाषा वर्ग के भेदभाव से ऊपर उठते हुए हर व्यक्ति सबसे पहले भारतीय है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदी भाषियों ने अपनी योग्यता का प्रमाण दिया है। हिंदी भाषियों ने, देश के जिस हिस्से में भी वे रहते हैं, बिना किसी भेदभाव के, उसके विकास में अपना शत प्रतिशत योगदान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकेले उत्तराखंड के आठ लाख से अधिक प्रवासियों ने महाराष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी के चलते भारत में हिंदी को वह स्थान नहीं मिल पाया जिसकी वह हकदार है। उन्होंने कहा कि संस्कृत और हिंदी की महत्ता को उत्तराखंड सरकार ने समझा है, इसीलिए संस्कृत को राज्य की द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया है।
सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने प्रवासी उत्तराखंडवासियों के महाराष्ट्र के विकास में योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। गडकरी ने निशंक के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार के विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यो की भी प्रशंसा की। विशेष रूप से उन्होंने अटल खाद्यान्न योजना की तारीफ की। गडकरी ने उत्तर भारत में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में उत्तराखंड के प्रथम स्थान पर आने की भी प्रशंसा की और यह भी कहा कि उत्तराखंड तेजी से भारत के अग्रणी राज्यों में शुमार हो रहा है, जिसका प्रमाण हाल ही में उपराष्ट्रपति ने विकास के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ते राज्य के लिए उत्तराखंड को पुरस्कार दिया है।
कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद और महाराष्ट्र भाजपा के सहप्रभारी रमापतिराम त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में हिंदी भाषी क्षेत्रों के नेता और यहां का जनसमूह उपस्थित था।