स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय परिसर में डीएमएमसी सभागार में 'राज्य संकट प्रबंधन योजना' विषय पर कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने-अपने विभागों की संकट प्रबंधन योजना को निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार करें। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा की दृष्टि से उत्तराखंड संवेदनशील क्षेत्र है, जिसे देखते हुए राज्य में मजबूत राज्य संकट प्रबंधन योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभागवार नोडल अधिकारी नामित किये जाएं, जो सचिव या विभागाध्यक्ष हो। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि राज्य में आतंकवादी, युद्ध, विद्रोह, कानून व्यवस्था, प्राकृतिक आपदा, मानव जनित आपदा, साइबर आतंकवाद और जनसेवाओं में बाधा आना आदि कारणों से कोई आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो उस समय राज्य सरकार की क्या रणनीति होनी चाहिए। इसके लिए राज्य संकट प्रबंधन योजना तैयार की जानी है।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस प्रकार की योजना को तैयार करते समय राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रभावी सूचना प्रवाह तकनीक तैयार की जाए, इसमें इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि आपात स्थिति में किस प्रकार से सूचनाएं त्वरित गति से राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि योजना को तैयार करते समय अन्य पर्वतीय राज्यों में तैयार की गई योजनाओं का भी अध्ययन किया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह एक महत्वपूर्ण कार्य है और इसके लिए सभी गंभीरता से इस पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष राज्य और जिला स्तर पर प्रबंधन योजना विस्तार से तैयार करें और इसकी सूचना राज्य आपदा प्रबंधन को आवश्यक रूप से पहुंचाएं।
उन्होंने कहा कि विशेष कर पुलिस, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति, उद्योग विभाग अपने-अपने विभाग में उपलब्ध अवस्थापना सुविधाओं और मानव संसाधन का विस्तार से उल्लेख करें और निजी क्षेत्र के अवस्थापना सुविधाओं का भी राज्य संकट प्रबंधन योजना में उल्लेख करें। प्रमुख सचिव गृह राजीव गुप्ता ने विभागों की संकट प्रबंधन योजना को अपूर्ण बताया। पुलिस महानिरीक्षक अनिल रतूड़ी ने बताया कि उद्योग विभाग प्रदेश में स्थापित उद्योगों में उपलब्ध उत्पादों के बारे में भी विस्तार से योजना में उल्लेख करे ताकि आपदाओं से निपटने के लिए दक्ष मानव संसाधन पहले से तैयार रहें। अपर सचिव गृह दीपम सेठ ने भी कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी भी उपस्थित थे।