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पानीपत। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने यहां भारत की सबसे बड़ी नाफ्था क्रैकर परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। करीब 14,439 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित यह परियोजना डाउनलोड राष्ट्रीय पॉलिमर इकाइयों के लिए फीड के रूप में कार्य करेगी। नाफ्था क्रैकर 8 लाख टीपीए एथलीन तैयार करेगी। इस परियोजना के लिए नेप्था, इंडियन ऑयल की गुजरात, पानीपत और मथुरा शोधन शालाओं से जुटाया जाएगा।
इस अवसर पर जयपाल रेड्डी ने कहा कि इंडियन ऑयल कंपनी का आमूलचूल परिवर्तन हो गया है। यह शुरू में शुद्ध पेट्रोलियम कंपनी थी, जो कि विश्व की ऊर्जा उत्पादक अग्रणी कंपनी बन गई है। इसकी क्षमता विस्तार हल्दिया में 1.5 एमएमटीपीए और पानीपत में तीन एमएमटीपीए हो जाने से इंडियन ऑयल कंपनी की शोधन क्षमता बढ़कर 54.2 एमएमटीपीए और समूह शोधन क्षमता 65.7 एमएमटीपीए हो गई है। इस प्रकार तेल शोधन के क्षेत्र में यह देश की अग्रणीय कंपनी बन गई है। रेड्डी ने आशा व्यक्त की कि पारादीप में 2012 में ग्रासरूट्स शोधनशाला के चालू हो जाने से समूह शोधन क्षमता और बढ़कर 80.7 एमएमटीपीए हो जाएगी और इंडियन ऑयल शोधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रूप से अग्रणी बनी रहेगी।
जयपाल रेड्डी ने इस अवसर पर आईओसी की पुस्तक 'प्रोपेल्लिंग इनटू पेट्रोकेमीकल्स फार ए ब्राइटर टूमारो' का भी विमोचन किया। इस पुस्तक में इंडियन ऑयल के पानीपत स्थित शोधन परिसर में भारत के सबसे बड़े नेप्था क्रैकर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।