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टोकियो। भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने टोकियो में जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कान से भेंट की। नाओतो कान ने जापान के साथ भारत की व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के लिए बातचीत की सफलता पर संतोष व्यक्त किया। इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। बैठक में जापान के प्रधानमंत्री ने भारत और जापान के बीच अनुसंधान और नवाचार के लिए तकनीकी सहयोग को अधिक महत्व नहीं दिया। उन्होंने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना से संबंधित भारत के आधारभूत ढांचे के विकास में भागीदारी करने का पक्ष लिया।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आनंद शर्मा ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना को भारत के महत्व दिए जाने पर प्रकाश डाला, जो कि निर्णायक रूप से आयोजन के चरण से परियोजना कार्यान्वयन की स्थिति में आ गई है। परियोजना पर एक सौ अरब अमरीकी डॉलर से अधिक का पूंजीनिवेश किया जाएगा और इसे भारत और जापान के बीच भागीदारी की फ्लैगशिप पहल के रूप में देखा जा रहा है। आनंद शर्मा ने परियोजना की शुरूआत के रूप में भारत और जापान के नौ-नौ अरब डॉलर के बराबर के योगदान का एक प्रचालन कोष गठित करने का प्रस्ताव किया। इस पर जापान के प्रधानमंत्री ने अपने देश के वित्तीय योगदान को देखते हुए सहमति व्यक्त की।
आनंद शर्मा ने 20 मिनट तक चली बैठक के दौरान कहा कि भारत-जापान के साथ भागीदारी को क्षेत्र में और वैश्विक प्रसंग में महत्वपूर्ण समझौते के रूप में लेता है। यह भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सुझाए गए एशियाई एकता के परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। आनंद शर्मा की जापान की इस दो दिन की यात्रा पर उनके साथ वाणिज्य सचिव सहित एक उच्चस्तरीय सरकारी शिष्टमंडल भी है। साथ ही, सीआईआई के अध्यक्ष हरि भारतीय सहित सीआईआई का एक शिष्टमंडल भी है।