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अंतरिक्ष-देवास करार रद्द किया

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नई दिल्ली। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अंतरिक्ष-देवास करार रद्द कर दिया है। कानून मंत्री वीरप्‍पा मोइली ने बृहस्पतिवार को नई दिल्‍ली में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद इस निर्णय की जानकारी दी। मोइली ने बताया कि इस बिंदु को ध्‍यान में रखते हुए कि पिछले कुछ वर्षों में स्‍पेक्‍ट्रम वितरण में सरकारी नीतियों में बदलाव हुए हैं और राष्‍ट्रीय जरूरतों के लिए स्‍पेक्‍ट्रम वितरण की बढ़ती हुई आवश्‍यकताएं महसूस की जा रही हैं, जिसमें रक्षा, अर्ध-सैनिक बलों, रेल और अन्‍य सामाजिक सेवाओं के साथ इसकी सामाजिक आवश्‍यकता है। मोइली ने बताया कि देश की सामरिक आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखते हुए सरकार अंतरिक्ष को एस बैंड में ओरबिट स्‍लाट देने में असमर्थ है, इसके साथ ही इस निर्णय में 'एस बैंड' को लेकर वर्तमान अनुबंधात्‍मक दायित्‍व भी शामिल हैं। अंतरिक्ष को 'एस बैंड' में ओरबिट स्‍लाट न देने की इस नीति के संदर्भ में अंतरिक्ष कॉर्पोरेशन और देवास मल्‍टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच 28 जनवरी 2005 को हुए करार को अब से रद्द समझा जाएगा।

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