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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और जापान के विदेश मंत्री ऐइजी मेइहारा ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। माल व्यापार सेवाओं और निवेश क्षेत्र में जापान के साथ भारत का अब तक का यह सबसे महत्वाकांक्षी समझौता है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने अक्टूबर 2010 में इस समझौते के प्रति अपनी वचनवद्धृता व्यक्त की थी।
समझौते के परिणामस्वरूप सेवा क्षेत्र में भारत को पर्याप्त रियायतें मिल जाएंगी जिनमें ठेके पर आपूर्ति करने वाले पेशेवर लोगों जैसे-लेखाकारों, शोधकर्ताओं, पर्यटन गाइडों और प्रबंधन परामर्शदाताओं आदि को शामिल किया जाता है। ये लोग अब जापान में अपनी सेवाएं मुहैया करा सकेंगे। समझौते में भारतीय नर्सों के लिए और अधिक सहूलियतें मिल सकेंगी। बौद्धिक संपदा अधिकार को पहली बार समझौते के दायरे में लाया गया है।
जापानी विदेश मंत्री मेइहारा और आनंद शर्मा ने दोनों देशों के बीच 2014 तक द्विपक्षीय व्यापार दुगुना करके उसे 25 बिलियन अमरीकी डॉलर तक करने का लक्ष्य रखा है। दोनों देशों के बीच दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना के लिए 9 बिलियन अमरीकी डॉलर के संयुक्त रिवाल्विंग कोष का भी सुझाव दुहराया गया है।