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आपदा प्रबंधन में जागरूकता जरूरी

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आरआईएमसी-rimc

देहरादून। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को आरआईएमसी में सेना की मध्य कमान की आपदा प्रबंधन कार्यशाला में कहा कि आपदा प्रबंधन से जुडे़ सभी सरकारी एवं गैर सरकारी लोगों को उनके दायित्वों एवं अधिकारों का पता होना चाहिए, जिससे वे बिना किसी उच्चादेश की प्रतीक्षा किये आपदा प्रबंधन में जुट जाएं। इस दिशा में सेना अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को भी उपयुक्त अधिकारों का हस्तांतरण कर सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में त्वरित कार्रवाई के साथ समय प्रबंधन का भी बेहद महत्व है। आपदा प्रबंधन से जुड़ी एजेंसियों को सामुदायिक सहभागिता के लिए प्रेरक वातावरण बनाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन को गंभीरता से लेते हुए 108 आपातकालीन सेवा को भी आपदा प्रबंधन से जोड़ दिया है। अटल आदर्श ग्रामों में आपदा प्रबंधन दलों का गठन कर दिया गया है। इन दलों को क्षेत्रवार आपदा प्रबंधन यूनिटों से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों को आपदा प्रबंधन से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड निवासियों के साथ ही बाहर से आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का दायित्व भी सरकार पर है। वर्षा काल में दैवीय आपदा का राज्य सरकार ने सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों की मदद से प्रभावी रूप से सामना किया। इस प्रकार की कार्यशाला से राज्य सरकार एवं सेना के मध्य सहयोग को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने प्रशासन एवं सेना के मध्य संवाद बनाये रखने और सूचना के आदान-प्रदान पर विशेष बल दिया। मुख्यमंत्री ने सेना की प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर मध्य कमान के लेफ्टीनेंट जनरल वीके अहलुवालिया, सब एरिया के मेजर जनरल रणवीर यादव, आपदा प्रबंधन सचिव राकेश कुमार सहित बड़ी संख्या में सैन्य अधिकारी, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ और आरआईएमसी के छात्र उपस्थित थे।

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