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ऋषिकेश। 'मानव कल्याण के लिए आयुर्वेद का जन्म हुआ, आयुर्वेद एवं योग मानव के स्वास्थ्य के लिए सहायक है।' ये भाव मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरूवार को यहां परमार्थ निकेतन परिसर में आयुर्वेद एवं योग पर आयोजित पांच दिवसीय तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए प्रकट किए। उन्होंने मानव कल्याण के लिए सहायक योग एवं आयुर्वेद के ज्ञान के प्रसार के लिए आयोजित इस कार्यशाला के आयोजकों का धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य पद्धतियों से केवल शरीर ठीक हो सकता है, किंतु आयुर्वेद तन, मन और आत्मा की भी शुद्धि करता है, जो मानव और समाज के कल्याण के लिए सहायक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सम्मेलन में आयुर्वेद पर आये विचार मानव कल्याण के लिए लाभदायक होंगे। आयुर्वेद और योग की साधना, दुःखी, पीड़ित, व्याधियों से प्रभावित इंसान की रक्षा करता है, इसके लिए उन्होंने विशेषज्ञों को आगे आने का आह्वान किया। यह उत्तराखंड का सौभाग्य है कि तन, मन और आत्मा की शुद्धि के लिए यहां वातावरण विद्यमान है। उन्होंने आत्मा की शुद्धि को ही वास्तविक शुद्धि बताया। उन्होंने मानवता की रक्षा के लिए आयोजित इस सम्मेलन के सहयोगियों का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर विधायक कुलदीप कुमार, पुनर्नवा आयुर्वेद ट्रस्ट कोयंबटूर के निदेशक डॉ राम कुमार, मुख्य वक्ता डॉ राबर्ट सुबोधा, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि, साधवी भगवती, जैन मुनि लोकेश, गन्ना विकास परिषद के उपाध्यक्ष संदीप गुप्ता, आयुर्वेद विश्वविद्यालय कुलपति डॉ सत्येंद्र मिश्रा, कार्यक्रम समन्वय स्वामी माधवानंद, स्वामी मदरमाया सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।