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देहरादून। सुदूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं का पलायन रोकने और गरीब एवं मेधावी युवाओं को उन्नति एवं रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए महत्वाकांक्षी आशीर्वाद योजना संचालित की गई है। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को आशीर्वाद योजना के अंतर्गत ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय में प्रशिक्षित 18 युवाओं को विभिन्न उद्योगों में नियुक्ति पत्र प्रदान करने के बाद यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यहां स्थापित होने वाले उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को नौकरी देने की शर्त को कड़ाई से पालन करने की चेतावनी दी थी, किंतु मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना से सरकार के इस संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए यह अभिनव पहल सफल हो रही है। उन्होंने कहा कि सर्वे से यह बात संज्ञान में आई कि स्थापित उद्योगों में आवश्यक्तानुरूप मैकेनिकों के अभाव में स्थानीय युवा रोजगार पाने से वंचित रह जाते हैं, इसको देखते हुए सरकार ने उद्योगपतियों के सहयोग से कतिपय आईटीआई में उद्योग की जरूरत के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित किया, जिसमें आटो मोबाईल उद्योग अशोक लीलेंड ने एक हजार युवाओं, गाडविन समूह में 500, सेंट जोजफ एलुमिनार्ड ने एक हजार, बंसल ग्रुप ने 100 और रैली गेयर ग्रुप ने 11 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य स्वीकार किया। इसके तहत अब तक लगभग 3100 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर विभिन्न उद्योगों में सेवायोजित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने जो 18 नियुक्ति पत्र दिए हैं एनओवी सारा, ओबेराय कंपनी, ग्राफिक ऐरा, आनंद इंडस्ट्री आदि उद्योगों के थे। उन्होंने कहा कि ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय से एक हजार युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित कर उद्योगों में रोजगार दिलाये जाने का समझौता हुआ है। उन्होंने प्रदेश के युवाओं को उद्योगों के अनुरूप तैयार करने वाले इन उद्योग समूहों एवं शैक्षिण संस्थाओं का आभार प्रकट करते हुए इसी वर्ष प्रदेश के 50 हजार युवाओं को नियुक्ति दिलाने के संकल्प को पूरा करने में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने सेवायोजित युवाओं से मेहनत और ईमानदारी से कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि विगत दिनों टाटा उद्योग समूह के शीर्ष अधिकारियों से वार्ता में लगभग 50 हजार युवाओं को सेवायोजन कराने की पेशकश की गई है।
ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर कमल घनशाला ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय ने युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण देने के लिए इकरार नाम दिया था, जिसमें युवाओं को उद्योगों की जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षित कर नौकरी दिलाई जानी है, इसके तहत इन 18 युवाओं को ट्रेंड कर विभिन्न उद्योगों में नियुक्ति दिलाई गई है। उन्होंने प्रशिक्षण में सहायक कांफिडरेशन सर्विसेज एवं सहस्त्रधारा क्षेत्रीय ग्रामीण फाइनेंशियल सर्विसेज के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर सीआईआई उत्तराखंड चैप्टर के चेयरमैन राजीव बेरी ने बताया कि उनकी सदस्य कंपनियां प्रदेश की 13 आईआईटी केंद्रों में तकनीकी एवं व्यवसाय क्षेत्र में मार्ग दर्शन और ग्राफिक ऐरा से मिल कर कुशल कारीगरों की उपलब्धता एवं मांग बढ़ाने की कार्ययोजना पर काम कर रही हैं।
एसकेजीएफएस की मुख्य कार्याधिकारी विंग कमांडर अनुपमा जोशी ने योजना के क्रियान्वयन के अनुभवों पर एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ राजेश नैथानी ने योजना की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर आईटीआई सलाहकार समिति के अध्यक्ष ज्ञान सिंह नेगी, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चांसलर प्रोफेसर केपी नौटियाल, डिपार्टमेंट आफ इंटरप्रेंयोरशिप के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आरपी नौटियाल, मासकॉम के एचओडी प्रोफेसर सुभाष गुप्ता एवं प्रोफेसर मनमोहन भट्ट और अपर सचिव मुख्यमंत्री पीएस डंगवाल उपस्थित थे।