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मायावती सरकार दलित विरोधी है-पुनिया

बरेली में अनुसूचित आयोग का जागरूकता अभियान

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बरेली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने बरेली में आईएमए हॉल में अनुसूचित जाति जागरूकता अभियान का डॉ चंद्रभान सुमन के संयोजकत्व में आयोजन किया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने उप्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण का कोटा पूरा किये जाने की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आंकड़ो के अनुसार 23 प्रतिशत आरक्षण से बढ़कर 23.95 प्रतिशत भर्तियां की गई हैं, लेकिन यदि नौकरियों को क्लास वाईज देखा जाए तो प्रथम श्रेणी में 12.17 प्रतिशत, द्वितीय श्रेणी में 15.03, तृतीय श्रेणी में 17.77, और चतुर्थ श्रेणी में केवल 37.95 प्रतिशत आरक्षण ही दिया गया है। उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार प्रथम श्रेणी में निर्धारित आरक्षण पूर्ण करने में क्यो असमर्थ है? इसके कारणों की आयोग जांच कर कार्रवाई करेगा।

बरेली के सांसद प्रवीन सिंह ऐरन, रूटा(पा) के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, बुद्धप्रिय गौतम, शिक्षा विभाग के प्रवक्ता बीर सिंह, ऑल इंडिया बैंक ऑफ बड़ौदा एससी/एसटी एंपलॉई वेलफेयर ऐसोसिएशन के नेता मदन लाल, श्याम प्रकाश, ओंकार सिंह जाटव, आकाश, मोहन सिंह, सुरेश दिवाकर, छत्रपाल सिंह एवं भारी संख्या में विभिन्न संस्थाओं गणमान्य लोगों की मौजूदगी में पीएल पुनिया ने कहा कि दलित महिला मुख्यमंत्री के राज में दलितों पर अत्याचारों का बढ़ना निंदनीय है। उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण को जरूरी बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अधिकांश पैसा सार्वजनिक क्षेत्र एवं सार्वजनिक बैंकों या सरकार का होता है, यदि निजी आरक्षण के लिए अपनी सहमति नहीं जताता तो इस पर कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जाएगा। पुनिया ने जागरूकता अभियान के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित लोगों को उनके अधिकार और विभिन्न मंत्रालयों में उनके लिए चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति को उत्पीड़न के 22 अपराधों में आर्थिक सहायता मिलने का प्रावधान है। इनमें मिलने वाले आर्थिक सहायता की धनराशि बढ़ाने की मांग पहले ही संसद में की जा चुकी है, जो अभी विचाराधीन है।

पीएल पुनिया ने कहा कि मेरा एक मात्र काम केवल अपने समाज की सेवा करना है, न तो मेरा कोई स्कूल या कॉलेज है, और ना ही कोई अन्य व्यवसाय। उन्होंने मायावती सरकार को दलित विरोधी सरकार बताया और कहा कि इस सरकार में गुंडा राज चल रहा है, प्रदेश में दलित एवं महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, जगह-जगह उत्पीड़न और बलात्कार जैसी घटनाएं घटित हो रही हैं। सरकार और प्रशासन पीड़ित व्यक्ति के साथ नहीं खड़ा है, बल्कि अपराधियों के साथ खड़ा मिलता है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के सारे अपराधी, गुंडे सरकार में किसी न किसी पद पर मनोनीत हैं। सरकार के नुमाईंदे सरेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं और प्रशासन के उच्चाधिकारी उनका साथ दे रहे हैं। सरकार ने पिछले चार वर्षों में पत्थरों की कटाई और मूर्तियां लगाने के अलावा विकास का कोई काम नही किया। ग्राम प्रधानों को अभी तक विकास की मुख्य धारा से नहीं जोड़ा गया है, और न ही विकास के कार्यों में उनकी कोई भागीदारी सुनिश्चित की गई है। अभी तक ग्रामीण विकास और राज्य वित्त आयोग के खाते भी नही खुल पाये हैं, पंचायती राज व्यवस्था एवं जनप्रतिनिधियों का घोर अपमान और उपेक्षा की जा रही है।

पुनिया ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति यहां तक की बसपा का भी छोटा कार्यकर्ता बसपा सुप्रीमों से मिलने की कोशिश करता है, तो उस पर सुरक्षा घेरे को तोड़ने का आरोप लगाया जाता है। मुख्यमंत्री यह नहीं समझ रही हैं कि जिन लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री का ताज पहनाया है, वही लोग उन्हें धूल भी चटा सकते हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में यह सिद्ध होकर रहेगा। इस मौके पर सांसद प्रवीन सिंह ऐरन ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का जागरूकता अभियान एक मील का पत्थर साबित होगा, जिसका लाभ अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को अवश्य मिलेगा, इसके साथ ही केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे संबंधित व्यक्ति को पहुंचने का अवसर भी मिलेगा।

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