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नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने सोमवार को संसद के बहुप्रतीक्षित बजट सत्र को संबोधित किया और कहा कि देश बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है। पिछले साल मुद्रास्फीति समस्या बनी रही और देश के कुछ भागों में अत्यधिक हिंसा हुई, खासतौर पर वामपंथी उग्रवाद और कश्मीर घाटी के क्षेत्र हिंसा ज्यादा हुई जो अस्वीकार्य है। कुछ तबकों को यह शिकायत रही है कि गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पाया है। उन्होंने कहा कि नए वित्तीय वर्ष के लिए उनकी सरकार ने पांच सर्वोच्च प्राथमिकताएं निश्चित की हैं जिनमें सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से निपटना, आंतरिक और वाह्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, मुद्रा स्फीति को रोकना, वंचितों को उनका हक और एक ऐसी विदेश नीति जारी रखना जिसमें विश्व मंच पर भारत की सुनी जाए और उसके हित सुरक्षित रहें। उन्होंने आशा प्रकट की कि नए दशक का पहला सत्र उपयोगी रहेगा।
प्रतिभा पाटिल ने कहा कि सरकार ने बादल फटने की प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लद्दाख के लोगों को राहत और पुनर्वास के लिए प्रभावी उपाय किए हैं। सरकार बाकी बचे कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रतिभा पाटिल ने हाल ही में पंडित भीमसेन जोशी के निधन पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन से हमारे देश के सांस्कृतिक जीवन में हुई रिक्तता को भरना मुश्किल होगा। राष्ट्रपति ने पिछले साल हुए राष्ट्रमंडल खेलों में खिलाड़ियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन की प्रशंसा की और कहा कि इस दौरान दिल्ली के नागरिकों ने अनुकरणीय अनुशासन और शालीनता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों पर देश को गर्व है।
प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने कहा कि देश बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार मुद्रास्फीति से निपटने और खासतौर से आम आदमी को खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के असर से बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा की कमी के कारण उत्पन्न समस्याओं को प्रमुखता के आधार पर निपटाना भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। पाटिल ने कहा कि सार्वजनिक और निजी निवेश, घरेलू और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सरकार आम आदमी पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली मुद्रास्फीति से अत्यधिक चिंतित है जिसके प्रभावों से निपटने के सक्रिय उपाय किए गए हैं। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत बताई और किसानों को उनकी पैदावार का लाभकारी मूल्य देने की बात कही।
राष्ट्रपति ने कहा कि जनता सुशासन की हकदार है और ऐसा करना हमारा दायित्व है। इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है, मंत्रियों का एक समूह भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए वैधानिक, प्रशासनिक और अन्य सभी उपायों पर विचार कर रहा है। मंत्रियों की प्रदत्त विवेकाधिकारों को समाप्त करने से लेकर भ्रष्टाचार के आरोपी लोकसेवकों के विरूद्ध तीव्र गति से मुकदमा चलाने और चुनाव पर होने वाले खर्च के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दिए जाने जैसे गंभीर विषयों पर तेजी से काम चल रहा है। विसल ब्लोअर विधेयक संसद में पेश किया गया है और सरकार ने संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक कन्वेशन का अनुमोदन करने का भी निर्णय लिया है। सरकार ने चुनाव सुधार की प्रक्रिया को गति देने के लिए एक समिति भी गठित की है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल राजनीतिक विचार धाराओं से ऊपर उठकर ऐसे सुधारों को लागू करने का समर्थन करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया में सुधार लाना भी सरकार की उच्च प्राथमिकता में है, इसके लिए राष्ट्रीय मिशन संबंधी प्रारूप शीघ्र ही सामने होगा। न्यायिक मानक और जवाबदेही विधेयक पहले ही संसद में पेश कर दिया गया है, जिसका आशय न्यायपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। कालेधन पर राष्ट्रपति का कहना था कि सरकार इसको लेकर चिंतित है और इस संबंध में कानून लागू करने वाली एजेंसियों को गंभीर और निरंतर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि विदेशों में जमा भारत की धनसंपदा को वापस लाने और दोषियों का पता लगाकर उन्हें सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भारत अब वित्तीय कार्य संबंधी कार्यबल और भारत यूरो-एशियाई समूह और वित्तीय सुव्यवस्था संबंधी कार्यबल का भी सदस्य बन गया है जिससे आर्थिक गड़बड़ियों संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव हो गया है।
राष्ट्रपति ने विकास, निवेश, दूरसंचार, बिजली, कोयला, पर्यावरण, सौर ऊर्जा, परिवहन, विमान पत्तन, भारतीय नौपरिवहन, रेल विकास, राजमार्ग, उद्योगों, निर्बल वर्ग, शहरी और ग्रामीण विकास, महिलाओं के सभी प्रकार के उत्पीड़न, वृद्धों की सुरक्षा, नि:शुल्क शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, युवा संबंधी मामलों, चिकित्सा, सूचना प्रोद्योगिकी, जल संसाधन, कानून व्यवस्था, जम्मू-कश्मीर, सशस्त्र बलों, सेना, विदेश नीति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार की ओर से किए जा रहे और किए जाने वाले कार्यों-योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।