स्वतंत्र आवाज़
word map

बिमला देवी के निजी दस्‍तावेज़ अब संग्रहालय में

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

नई दिल्ली। भारतीय राष्‍ट्रीय अभिलेखागार ने देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की भतीजी बिमला देवी रामा के निजी दस्‍तावेजों का संग्रह हाल ही में प्राप्‍त किया है। बिमला देवी का जन्‍म 1903 में हुआ था। उनका विवाह बक्‍सर में मुंटाजिम स्‍टेट के धनाढ्य परिवार में हुआ था और वह देश के स्‍वतंत्रता आंदोलन में शौकिया तौर पर शामिल हुईं एवं महात्‍मा गांधी, जय प्रकाश नारायण और सरोजनी नायडू सहित अनेक नेताओं के संपर्क में आईं। बिमला देवी काव्‍य की बेहद शौकीन थीं, उन्‍होंने 1930 में गांधीजी के नमक सत्‍याग्रह पर अनेक कविताएं लिखीं।

बिमला देवी ने महिला कल्‍याण की सूरमा शाहाबाद जिला सैनिक बोर्ड की सदस्‍य के साथ-साथ मोतिहारी में महिला जेल में मुख्‍य अधीक्षक के पद पर भी कार्य किया। सन् 1937 में वे पटना विश्‍वविद्यालय के हिंदी बोर्ड की पहली महिला सदस्‍य बनीं। उनके पोते ने भारतीय राष्‍ट्रीय अभिलेखागार को उनके संग्रह के जो दस्तावेज सौंपे हैं उनमें स्‍वतंत्रता आंदोलन के दौरान रचित गरीब भारत की नारी, हरिजन, हाय बापू जैसी अनेक कविताएं शामिल हैं। इस संग्रह में बाबू राजेंद्र प्रसाद, जय प्रकाश नारायण, जगजीवन राम, एएन सिन्‍हा और अन्‍यों के लिखे पत्र भी शामिल हैं। इसमें बिमला देवी संपादित विमल पुष्‍पांजलि शीर्षक वाली एक पुस्‍तिका भी है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]