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नई दिल्ली। इस वर्षाकाल में देश भऱ में औसत वार्षिक वर्षा 1,170 एमएम हुई, लेकिन क्षेत्रीए स्तर पर इसमें काफी अंतर देखने को मिला। राष्ट्रीय एकीकृत जल संसाधन विकास आयोग की रिपोर्ट के आधार पर जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद ने संसद को बताया है कि वर्षा जल संरक्षण सतह पर जल एकत्र किया जाता है और भूमिगत जल को फिर से चार्ज किया जाता है। बड़ी और मध्यम परियोजनाओं की कुल वर्षा जल एकत्र करने की क्षमता तकरीबन 225 बीसीएम है। भूमिगत जल को फिर से चार्ज कर वर्षा जल को संरक्षित करने का आंकड़ा 433 बीसीएम है।
सलमान खुर्शीद ने बताया कि जल संसाधन मंत्रालय, आम आदमी का वर्षा जल संरक्षण का आंकड़ा अलग से नहीं रखता है फिर भी एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2010 में 681 बीसीएम पानी इस्तेमाल में लाया गया। उनका कहना था कि पानी राज्य का विषय है और प्राथमिक तौर पर यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह वर्षा जल संरक्षण योजनाओं से संबंधित परियोजना तैयार करे, उसके लिए राशि मुहैया कराएं और लागू करें। हालांकि केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने यहां वर्षा जल संरक्षण परियोजना लागू करने की खातिर प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।