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केंद्रीय विश्‍वविद्यालय का दर्जा देने में शर्तें नहीं

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नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ डी पुरंदेश्‍वरी ने बताया है कि किसी राज्‍य विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्‍वविद्यालय का दर्जा प्रदान करने के संबंध में कोई निर्धारित मानदंड एवं शर्तें नहीं हैं, जैसा कि राष्‍ट्रीय विकास परिषद ने अनुमोदित किया है। सरकार की प्राथमिकता 11वीं पंचवर्षीय योजनावधि के दौरान ऐसे प्रत्‍येक राज्‍य में एक केंद्रीय विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना करना है, जिसमें कोई केंद्रीय विश्‍वविद्यालय नहीं है। केंद्रीय विश्‍वविद्यालय अधिनियम 2009 के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 16 केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों की स्‍थापना की है, जिनमें 3 राज्‍य विश्‍वविद्यालयों अर्थात डॉ हरिसिंह गौड़ विश्‍वविद्यालय मध्‍य प्रदेश, गुरु घासीदास विश्‍वविद्यालय छत्तीसगढ़ और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्‍वविद्यालय उत्‍तराखंड को केंद्रीय विश्‍वविद्यालय में परिवर्तित किया जाना और जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान के बदले 2 केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों (कश्‍मीर प्रभाग एवं जम्‍मू प्रभाग प्रत्‍येक में एक) की स्‍थापना किया जाना शामिल है।

डॉ डी पुरंदेश्‍वरी ने लोकसभा में प्रश्नों के उत्तर देते हुए बताया भूमि आवंटन और स्‍थायी परिसरों का विकास लंबित होने के कारण, सरकार ने इन विश्‍वविद्यालयों के अकादमिक कार्यक्रमों को अस्‍थायी आवासों से शुरू किया है और केंद्रीय विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 2009 के अंतर्गत अभिकल्‍पित केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों में से जम्‍मू केंद्रीय विश्‍वविद्यालय को छोड़कर, जहां अभी प्रथम कुलपति की नियुक्‍ति की जानी है, कोई भी केंद्रीय विश्‍वविद्यालय समय से पीछे नहीं चल रहा है।

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