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अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की संकल्प सिद्धि के लिए रामभक्तों को अयोध्या की श्रीरामरज (मिट्टी) का तिलक लगाकर और घर-घर में पूजन कर श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पुनः तत्पर रहने का आह्वान होगा। इसके लिए रामनवमी पर्व पर देश के छह लाख गांवों में व्यापक अभियान चलाया जाएगा। कारसेवकपुरम में दो दिवसीय हनुमत शक्ति जागरण अनुष्ठान समिति के चिंतन वर्ग में देशभर से आए जिला स्तरीय पदाधिकारियों के बीच विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल ने यह घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राम ही भारत हैं और भारत ही राम हैं, इससे अलग इस राष्ट्र की परिकल्पना ही अधूरी है।
अशोक सिंघल ने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को प्राप्त करने के लिए लगातार हनुमानजी की कृपा रामभक्तों पर बनी हुई है, हनुमत शक्ति जागरण अनुष्ठान के माध्यम से इसका व्यापक प्रभाव दिखाई दे रहा है। जन्म स्थल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा इसको प्राप्त करने के लिए सन् 1528 से लगातार संघर्ष चलता रहा और अंततोगत्वा हिंदू समाज की विजय हुई। सन् 1528 के बाद पहली बार विश्व में यह मान्यता प्राप्त हुई कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि यही स्थान है जिसके लिए हिंदू समाज ने लगातार संघर्ष करते हुए प्राणों की आहुतियां दीं। उन्होंने कहा श्रीराम इस आंदोलन के घट-घट में विराजमान हैं। ब्राह्मांड के नायक भगवान श्रीराम के जन्म दिवस श्रीरामनवमी के पावन पर्व पर राष्ट्रव्यापी राम महोत्सव का कार्यक्रम छह लाख गांवों में मनाया जाएगा और करोड़ों-करोड़ राम भक्तों के मस्तक पर अयोध्याजी से दी जा रही श्रीराम रज का तिलक लगाकर और राम मंदिर का प्रस्तावित माडल देकर उन्हें संकल्पबद्ध किया जाएगा। सिंघल ने यह भी कहा कि इस दौरान गांव-गांव में जन-जागरण यात्राएं भी निकाली जाएंगी। श्रीरामनवमी के पश्चात अयोध्या में 15 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान भी होंगे। इस अनुष्ठान में देश के विभिन्न सम्प्रदायों के धर्माचार्यो से धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करने का निवेदन किया गया है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कमल नयन दास महाराज ने कहा कि हनुमानजी की कृपा से सभी कार्य संपंन होंगे, मंदिर बनेगा, भारत अखंड होगा और आसुरी शक्तियों का विनाश भी होगा। उन्होंने कहा कि आज देश में चहुंओर विघटनकारी ताकतें फैली हुई हैं जो जाति-पंथ-भाषा-क्षेत्र के आधार पर समाज को विघटित कर देश को खंडित करने में जी-जान से लगी हुई हैं। ऐसी शक्तियों को कुचलने के लिए एक होने की आवश्यकता है, ठीक उस प्रकार उदाहरण स्वरूप जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने कोल-भील, वानर-भालू, गिद्धराज जटायू को गले लगाकर उत्तर और दक्षिण को एक कर रावण रूपी आसुरी शक्ति पर विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा हनुमत शक्ति जागरण से न्यायालय के फैसले पर भी प्रभाव दिखा और मंदिर निर्माण की संकल्प सिद्धि को भी वह पूर्ण करने में सबको शक्ति प्रदान करेंगे। चिंतन वर्ग के चार सत्र हुए जिनमें विभिन्न विषयों पर पदाधिकारियों ने देशभर से पहुंचे पदाधिकारियों का मार्गदर्शन किया।
कारसेवकपुरम के भारत कल्याण प्रतिष्ठान में प्रातः 10 बजे से प्रारंभ हुए इस चिंतन वर्ग का उद्घाटन और उसकी अध्यक्षता मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास शास्त्रीजी महाराज ने की। उद्घाटन सत्र का संचालन हनुमत शक्ति जागरण अनुष्ठान समिति के अखिल भारतीय संयोजक जीवेश्वर मिश्र और विश्व हिंदू परिषद के अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री डॉ प्रवीण भाई तोगड़िया, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघल, संगठन महामंत्री दिनेश चंद्र, संयुक्त महामंत्री चंपत राय, विनायक राव, राघवल्लू, केंद्रीय मंत्री पुरूषोत्तम सिंह, राजेंद्र सिंह पंकज, कोटेश्वर शर्मा, प्रकाश शर्मा, ओम प्रकाश गर्ग, सुनील शर्मा, क्षेत्रीय संगठन मंत्री महावीर एवं प्रशांत, प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा आदि उपस्थित थे।