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जम्मू। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि जम्मू में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पिछले दशक में क्षेत्र में कृषि अध्ययन, शोध और विस्तार कार्य को सुदृढ़ बनाया है, लेकिन विश्वविद्यालय की भूमिका इससे कहीं अधिक बड़ी है, उसे विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना विकसित करने, अपने समुदायों और उसकी समस्याओं के साथ जुड़ाव और उनकी कल्पना शक्ति को बढ़ाने में भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए। प्रधानमंत्री जम्मू में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में पदक एवं उपाधि हासिल करने वाले विद्यार्थियों और विद्वानों को बधाई दे रहे थे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सबके सुनहरे भविष्य की कामना की।
मनमोहन सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को जम्मू क्षेत्र में कृषि संबंधी क्षेत्रों की असीम क्षमता की संभावनाओं का पता लगाना है। हमें उत्पादों की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। जम्मू अपने आरएस पुरा बासमती, भदरवाही राजमा, किश्तवाड़ी केशर, अनारदाना और बाकरवाली बकरी के लिए जाना जाता है। भारत सरकार ने इस विश्वविद्यालय को 68 करोड़ रुपये का ढांचागत अनुदान उपलब्ध कराया है और आशा है कि इसका अच्छी तरह उपयोग किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय के लिए 32 करोड़ रुपये के और अनुदान की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के केशर क्षेत्र के आर्थिक पुनरुद्धार की केंद्रीय योजना को स्वीकृति दी है और इसके लिए 370 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रंगराजन समिति ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के लिए रोजगार योजना के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। इस रिपोर्ट में राज्य के सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि और रोजगार सृजन की असीम और अनछुई क्षमता का जिक्र किया गया है। इस योजना में रंगराजन ने पांच वर्ष की अवधि में लगभग एक लाख पचास हजार युवाओं तक पहुंचने की संभावना का सुझाव दिया है, इसके लिए दुहरी रणनीति अपनाई जाएगी। पहली रणनीति के तहत सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन और सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों जैसे रोजगार के अपार अवसरों वाले क्षेत्रों में वृद्धि की प्रक्रिया को तेज करना और दूसरी रणनीति के तहत शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के जरिए कौशल में सुधार पर केंद्रित मानव संसाधन विकास की पहल और उनके प्लेसमेंट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत से जम्मू सिविल एंकलेव के एयरपोर्ट टर्मिनल भवन के आधुनिकीकरण/विस्तार की योजना स्वीकार करने की भी घोषणा की। इससे हवाई अड्डे की यात्री संभालने की क्षमता एक बार में 700 यात्री तक पहुंच जाएगी। दीक्षांत समारोह में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह सहित छात्र एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।