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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने शुक्रवार को सचिवालय में 'राज्य संकट प्रबंधन योजना' की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा से निपटने के लिए सभी संभावित उपाय पूर्व से ही सुनिश्चित कर लिए जाएं, साथ ही सभी विभाग निर्धारित मानकों के अनुसार आपदा संकट प्रबंधन योजना को तैयार कर उसी अनुरूप अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें। इस अवसर पर विभिन्न विभागों का आपदा संकट प्रबंधन योजना संबंधी प्रस्तुतीकरण किया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष संकट प्रबंधन योजना को गंभीरता से लें, इसके अनुश्रवण के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए, जिसमें प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव परिवहन, सचिव ऊर्जा, सचिव आपदा प्रबंधन, आईजी इंटेलीजेंस और नेशनल इंस्टटीयूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारी शामिल होंगे। प्रत्येक विभागाध्यक्ष अपने-अपने विभाग की आपदा प्रबंधन योजना में विभाग में उपलब्ध मानव संसाधन, अवस्थापना सुविधाओं और उसके प्रभावी प्रबंधन की कार्य योजना का विस्तार से उल्लेख करें, ताकि आपदा के समय संबंधित विभाग राज्य संकट प्रबंधन योजना के तहत अपना कार्य स्वयं ही शुरू कर दें। विभागाध्यक्ष राज्य और जिला स्तर पर विभागाध्यक्ष प्रबंधन योजना विस्तार से तैयार करें और इसकी सूचना राज्य आपदा प्रबंधन को आवश्यक रूप से पहुंचाए।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह राजीव गुप्ता ने प्रस्तुतीकरण के दौरान विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक माह में पुनः इस संबंध में बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें अनुमोदित कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन राकेश कुमार ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन कार्ययोजना का भी जिलावार प्रस्तुतीकरण होगा, जिसमें पूर्व में बनी जिला आपदा प्रबंधन योजना को अद्यतन किया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन एम रामास्वामी, सचिव पेयजल एमएच खान, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ आशा माथुर ने अपने-अपने विभागों का प्रस्तुतीकरण किया।