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लखनऊ। मुस्लिम रिज़र्वेशन मूवमेंट मुसलमानों की समस्याओं और मांगों को लेकर सक्रिय हो गया है। उसकी स्टेयरिंग कमेटी की मीटिंग लखनऊ में तहरीक का जाएज़ा लेने और आइंदा की हिकमत अमली तय करने के लिये हुई जिसमें आंदोलन के मुद्दों पर बल देने के लिये कई फ़ैसले किये गये। तय किया गया कि एमआरएम की मांगों पर ज़ोर देने के लिए संसद के बजट सत्र के दौरान या बाद में दिल्ली में एक धरना दिया जाएगा और उसके बाद लखनऊ में एक प्रांतीय कांफ्रेंस की जाएगी। मीटिंग में दलित मुसलमानों अर्थात उन मुसलमानों को जो अनुसूचित जाति में शामिल अन्य लोगों की भांति कार्य करते हैं, संविधान की धारा 341 के अंतर्गत जारी राष्ट्रपति के आदेश 1950 में संशोधन करके, अनुसूचित जाति घोषित किया जाए ताकि इन्हें भी हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म के मानने वाली अनुसूचित जातियों की भांति आरक्षण की सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
मीटिंग में उठाईं गई अन्य मांगों के अनुसार जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिर्पोट को संसद में पारित करके उसके अनुसार शीघ्र कार्यवाही की जाए, मंडल कमीशन के जरिए चिन्हित उन मुस्लिम बिरादरियों को जिन्हें 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण का हक़दार माना गया है, उनके लिये उनकी आबादी के अनुपात में 27 प्रतिशत के अंदर 9 प्रतिशत का कोटा सुनिश्चित किया जाए ताकि मुस्लिम पिछड़ा वर्ग भी 27 प्रतिशत आरक्षण का पूर्ण लाभ उठा सके। अन्य मुसलमानों के लिये भी, उन लोगों को छोड़कर जो क्रीमीलेयर में आते हैं, रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिर्पोट के आधार पर, आबादी के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था की जाए। जस्टिस राजेंद्र सच्चर कमेटी और जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिर्पोट में की गई सिफ़ारिशों के आधार पर मुसलमानों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए फ़ौरी तौर पर अमली इक़दामात किये जाएं और मुसलमानों के लिये भी अनुसूचित जाति की तरह छात्रवृत्ति और निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था की जाए।
तय हुआ कि मार्च-अप्रैल में बहराईच, सीतापुर, सुल्तानपुर, कानपुर, मुरादाबाद, मेरठ, फैज़ाबाद और महाराजगंज आदि जिलों में जलसों और मंडलीय कांफ्रेंसेज का आयोजन किया जाएगा। आंदोलन की मांगों पर ज़ोर देने के लिये आंदोलन की रहनुमाई करने वाली समिति के प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दूसरे धर्मनिर्पेक्ष राजनैतिक दलों के नेताओं से मिलेंगे। प्रधानमंत्री आदि से प्रतिनिधिमंडल के मिलने का समय निर्धारण करवाने का उत्तरदायित्व डॉ शफ़ीकुर्रहमान बर्क़ को दिया गया। यह भी तय पाया गया कि एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से भी मिलकर उनको मांगों से अवगत कराएगा। इसकी ज़िम्मेदारी आंदोलन के सह-संयोजक मलिक अज़ीम अहमद खॉ को दी गई। मीटिंग की अध्यक्षता डॉ शफ़ीकुर्रहमान बर्क़ ने की। मीटिंग में लखनऊ, काशीराम नगर, एटा, इलाहाबाद, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, आगरा, फ़र्रूख़ाबाद, बलरामपुर, बहराइच, जौनपुर, बदायुं, आज़मगढ़, शाहजहांपुर, बनारस, सीतापुर, फ़िरोज़ाबाद, संतकबीर नगर, बाराबंकी, फ़ैज़ाबाद, अलीगढ़, मऊ, हाथरस और सुलतानपुर के प्रतिनिधियों ने शिरकत की।