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लखनऊ। स्कोर्पियो क्लब में निफ्फा और Pyssum के संयुक्त तत्वावधान में आशाएं कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विकलांग बच्चों ने अपनी प्रतिभाओं का शानदार प्रदर्शन किया। यह कार्यक्रम ऑटिस्टिक और मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के प्रति जागरूकता, उनके आर्थिक सहयोग और उन्हें ऐसा मंच प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था जहां वे अपनी विभिन्न प्रतिभाओं को उजागर कर सकें। कार्यक्रम में टीवी कलाकारों ने भारी संख्या में मौजूद दर्शकों का जोरदार मनोरंजन किया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। विकलांगता और उससे जनित निराशा पर विजय पाने के लिए संघर्ष में खड़े बच्चों के जीवन में कुछ ख़ुशी के पल लाने के लिए हास्य कलाकार रजनीश त्रिवेदी, ‘सा रे ग म पा’ के प्रतिभागी रहे दिवाकर शर्मा, फराह नाज, तन्मय चतुर्वेदी, सबीना और बाल कलाकार जय छनियारा ने अपनी-अपनी कलाओं का प्रदर्शन कर इस कार्यक्रम को यादगार बनाया।
इस कार्यक्रम में 11 स्कूलों से ऑटिस्टिक और मानसिक रूप से कमजोर बच्चों ने भी अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। Pyssumसे आए बच्चों ने तारे ज़मीन पर और केवल प्रेमन जैसे गीतों पर नृत्य पेश किए। ज्योति किरण स्कूल के बच्चों ने कव्वाली पेश की तो टच स्पेशल सकरे स्कूल के बच्चों की होली के संगीत पर नृत्य किया। आशा ज्योति स्कूल ने बालिकाओं की रक्षा पर डांस और ड्रामा पेश किया। श्रीराम स्वरूप कॉलेज के बच्चों ने अपनी ये पाठशाला पर सामूहिक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन नन्हें कलाकारों फराह और तन्मय चतुर्वेदी के गाए आशाएं गीत से हुआ।
Pyssum संस्था के अध्यक्ष डॉ नवल पंत ने इस मौके पर बताया किPyssum एक स्वतंत्र संस्था है जो समाज की, अपने दिशा-निर्देशों और उद्देश्यों के आधार पर सहायता करती है। इस संस्था के संस्थापकों का मानना है कि जो भी व्यक्ति इस संस्था से जुड़ रहा है, उसे इतना विश्वास होना चाहिए कि वह समाज को एक ऐसा वातावरण दे सके जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से समाज को अनुकूलता प्रदान कर सके। लरविंग बी हॉर्रीस ने कहा है कि सामान्य बच्चों की तरह इन बच्चों को भी सबके सहयोग और प्यार की आवश्यकता है, उनकी उपस्थिति इन बच्चों के लिए भावनात्मक रूप से भी सहायक हो सकती है इससे ये भी आम बच्चों की तरह पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे। लरविंग का कहना था कि हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित करें और उनसे मित्रवत वातावरण प्रदान करने का प्रयास करें। लरविंग ने मदर टेरेसा की प्रेरणाओं का जिक्र किया कि 'हम भले ही कुछ बड़ा न कर सकें लेकिन प्यार से हम छोटी चीजों को बड़ा जरूर बना सकते हैं।'
लुबना हाश्मी ने निफ्फा के बारे में बताया कि यह एक ऐसी संस्था है जो युवा और उभरती प्रतिभाओं जैसे मीडिया, फिल्म, खेल, तकनीकी आदि क्षेत्रों में आगे बढ़ने में सहायता प्रदान करती है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य युवाओं की कलात्मकता और उत्साह को बढ़ावा देना है, उनका लक्ष्य हर कार्यक्रम को एक अलग पहचान देना और एक अलग राह देना है। भावना कपूर ने 'आशाएं' कार्यक्रम के आयोजन पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में लगभग पांच हजार लोगों ने भागीदार की जिनमें बड़ी संख्या में विशिष्टजन मौजूद थे। सभी ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों की प्रशंसा की और विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे बच्चों के प्रोत्साहन के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे।