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नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने लोकसभा में बताया है कि बौद्ध एवं विरासत स्थलों सहित पर्यटन विकास एवं संवर्धन मुख्यत: राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रशासन करते हैं, तथापि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत उनके परामर्श से अभिनिर्धारित परियोजना प्रस्तावों को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार निधियों की उपलब्धता और पारस्परिक प्राथमिकता की शर्त पर केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
पर्यटन मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष सहित 11वीं योजना में उत्तर प्रदेश सरकार को 34 पर्यटन परियोजनाओं के लिए 117.39 करोड़ रूपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की है, इसमें वाराणसी-सारनाथ-रामनगर चरण-दो का गंतव्य विकास शामिल है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश बौद्ध परिपथ विकास परियोजना के लिए भारत सरकार और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन के बीच एक ऋण समझौते पर 31 मार्च 2005 को हस्ताक्षर किए गए। इस परियोजना के कार्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के चयनित बौद्ध स्थलों पर सड़कों का सुधार, जन सुविधाएं, स्थल विकास और कार्यक्रम को सहायता प्रदान करना आदि शामिल है।
सुबोध कांत सहाय ने एक अन्य जानकारी देते हुए बताया कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह जाने वाले पर्यटकों की संख्या 2009 13.7 हजार थी जो 2010 में बढ़कर 14.6 हो गई है। पर्यटन से देश को होने वाली अनुमानित संपूर्ण विदेशी मुद्रा आय 2009 तथा 2010 में 11.39 अरब एवं 14.19 अरब अमरीकी डॉलर है। पर्यटन मंत्रालय ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से होने वाली आय को संकलित नहीं किया है। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पर्यटन विभाग ने विदेशी पर्यटन आगमन के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें द्वीप में समुद्री विमान सेवाएं शुरू करना, स्कूबा डाइविंग के लिए दिशानिर्देश तैयार करना, 35 कक्षों की लक्जरी बोट की खरीद एवं परिचालन, माउंट हैरियट और चिड़ियाटापू पर कैनोपी वाल्क वे का निर्माण, रॉस द्वीप में साउंड एंडं लाइट शो शुरू करना, सैलुलर जेल में साउंड एंड लाइट शो का उन्नयन शामिल हैं।