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टाटा और सेल ही प्रमुख स्‍टील उत्‍पादक

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नई दिल्‍ली। केंद्रीय इस्‍पात राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) बेनी प्रसाद वर्मा ने बताया है कि केवल टाटा स्‍टील लिमिटेड और स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ही दो प्रमुख स्‍टील उत्‍पादक हैं, जो अपनी लौह अयस्‍क की आवश्‍यकता के एक बड़े हिस्‍से को कैप्‍टिव स्रोतों से पूरा करते हैं, बाकी अन्‍य सभी प्रमुख स्‍टील उत्‍पादक कैप्‍टिव स्रोतों से अपनी लौह अयस्‍क की या तो आंशिक आवश्‍यकता को पूरा कर पाते हैं अथवा समग्र आवश्‍यकता को बाजार से पूरा करते हैं।

इस्‍पात मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि स्‍टील के उत्‍पादन की लागत विभिन्‍न घटकों पर निर्भर करती है, जैसे कच्‍चा माल, परिवहन पर लागत, प्रौद्योगिकी, मानव शक्‍ति, ऊर्जा आदि। तथापि, लोहा एवं इस्‍पात निर्माण के लिए लौह अयस्‍क कच्‍चा माल के रूप में मुख्‍य आदान सामग्री होने के कारण कैप्‍टिव लौह अयस्‍क रखने वाले प्रमुख स्‍टील उत्‍पादक स्टील उत्‍पादन में अपेक्षाकृत कम लागत का लाभ उठाते हैं । बेनी वर्मा ने राज्‍यसभा में बताया कि मौजूदा खान और खनिज विकास और विनियमन अधिनियम 1957 के स्‍थान पर प्रस्‍तावित खान और खनिज विकास और विनियमन विधेयक 2010 का मसौदा है, जो लौह अयस्‍क सहित विभिन्‍न खनिजों के लिए खनिज रियायत प्रदान करने के लिए है।

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