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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 93 वें दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ कर्ण सिंह ने सर्वोच्च अंक पाने वाले 25 छात्रों को मेडल दिए और 7076 छात्रों को पदवी प्रदान की और उपाधियां बांटने के साथ-साथ उपाधि धारकों को जीवन की सार्थकता का मंत्र भी दिया। डॉ कर्ण सिंह ने स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध के उपाधि धारकों से संकल्प भी कराया। काशी के विद्वानों, शिक्षकों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में उन्होंने उपाधि धारकों से अपनी प्रतिभा का देश के निर्माण में अधिकतम उपयोग करने का आह्वान किया।
दीक्षांत समारोह में उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि निरपेक्ष और संपूर्ण संप्रभुता का युग अब समाप्त हो गया है। उप राष्ट्रपति ने छात्रों को नई सदी के प्रश्नों और वैश्वीकरण के असर के प्रति जागरूक किया और कहा कि पिछली सदी में राष्ट्रवाद की अवधारणा काफी प्रबल रही, यह अलग बात है कि सदी के बीच में ही परस्पर अंतर निर्भरता ने विश्वग्राम की चेतना को जन्म दिया जिसने राष्ट्रवाद की अवधारणा को काफी हद तक बदल दिया है।
मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि वैश्वीकरण से कई चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं, आर्थिक खुलेपन ने अंतर निर्भरता बढ़ाई है और अर्थव्यवस्था का एकीकरण किया है। वे बोले कि सांस्कृतिक विशिष्टताओं के लिए बाज़ार उपलब्ध हुआ है तो इन सबके साथ ही राजनीतिक प्रभुता को भी विश्व के साथ जोड़ दिया है जिससे आज मामले अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को सौंपे जा रहे हैं।
उप राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के बाद राजघाट स्थित कृष्णमूर्ति फाउंडेशन के शिक्षण संस्थान में भी गए और अपनी छोटी बहन और राजघाट बेसेंट स्कूल की प्रिंसिपल जकिया किदवई से मिले। हामिद अंसारी के साथ उनकी पत्नी सलमा अंसारी भी मौजूद थीं। उप राष्ट्रपति का वाराणसी पहुंचने पर लालबहादुर शास्त्री हवाई अड्डे बाबतपुर पर राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्री अतंत कुमार मिश्रा ने स्वागत किया।