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नई दिल्ली। शहरी विकास राज्यमंत्री सौगत राय ने बताया है कि दिल्ली में संपदा निदेशालय के रिहायशी परिसरों का निरीक्षण कार्य मैसर्स ईगल विजन सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह केवल निरीक्षण है और निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर किसी भी आवंटी को आवास खाली करने का नोटिस नहीं दिया गया है। शहरी विकास राज्य मंत्री ने बताया कि मैसर्स इगल विजन सर्विसेज की निरीक्षण रिपोर्ट की संपदा निदेशालय में जांच की जाती है।
संपदा निदेशालय को अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि कुछ अध्यासी अपने नाम आवंटित सरकारी आवासों में किराएदार रखे हुए हैं, ऐसा पाए जाने पर या उप-किराएदारी के संदेह की स्थिति में आवंटी को अपना मामला रखने का पूरा अवसर प्रदान करने के बाद संपदा उप-निदेशक अर्द्ध न्यायिक तरीके से उप-किराएदारी संबंधी तथ्यों पर निर्णय लेता है। उपकिराएदारों के प्रमाणित मामलों में अध्यासी को आवंटित आवास का आवंटन रद्द कर दिया जाता है। इसके बाद भी आवंटन रद्द करने के आदेश के विरूद्ध अपील करने का आवंटी को अधिकार है।
दिल्ली में मंत्रियों, सांसदों एवं संस्थाओं में नामित नागरिकों सहित सरकारी और गैर सरकारी व्यक्तियों, संस्थाओं और पत्रकारों को संपदा निदेशालय के आवास आवंटित होते आए हैं। संपदा निदेशालय के यहां इन शिकायतों का अंबार लगा है कि अनेक अध्यासी अवैध तरीके से किराएदार रखकर उनको प्राप्त सरकारी आवासीय सुविधा का दुरूपयोग करते हैं। उप किराएदारी के कई प्रमाणित मामले संपदा निदेशालय के संज्ञान में आए और उनमें बेदखली की कार्रवाई करनी पड़ी। संपदा निदेशालय इस कार्रवाई में शक्तिशाली लोगों के विरोध का सामना करता आ रहा है। यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।