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भारतीय अर्थ व्यवस्था औरों से सुदृढ़-पुनिया

आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र उत्पीड़न पर चिंता

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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने कहा है कि भारतीय अर्थ व्यवस्था दुनिया में सबसे ज्यादा मजबूत है, जबकि अनेक ऐसे देश हैं, जिनकी विकास दर या तो नकारात्मक है या बहुत नीचे गिर चुकी है, बहुत से ऐसे देश हैं जहां पर अनेक बैंक फेल हो चुके हैं, लेकिन हिंदुस्तान का, बैंकिंग नेटवर्क, मूल-भूत सुविधाओं के ताने-बाने, औद्योगिक, कृषि और सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ठ स्थान है, यही कारण है कि देश की अर्थव्यवस्था, अमेरिका, चीन, जापान, पाकिस्तान इत्यादी देशों में सबसे श्रेष्ठ है।

संसद में विदेश मंत्रालय के मामलों की चर्चा में भाग लेते हुए एक वक्तव्य में उन्होंने कहा है कि विदेश मंत्रालय और इनके अधीन काम कर रहे राजदूत, उच्चायुक्त और काउंसलर्स विदेशों में पूरे देश की पहचान हैं, अंतर्राष्ट्रीय जगत में हिंदुस्तान को सम्मान की दृष्टि से देखा जाए यही विदेश मंत्रालय की सार्थकता होती है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदुस्तान की एक भूमिका स्थापित हो चुकी है।

पीएल पुनिया ने कहा कि भारत की अर्थ व्यवस्था पूरे विश्व में सबसे सुदृढ़ है, यही कारण है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने हिंदुस्तान आकर देश की प्रशंसा की और यहां के नौजवानों के लिए आर्थिक समझौते के माध्यम से पचास हज़ार नौकरियों का उल्लेख किया। अमरीकी राष्ट्रपति के अलावा, रूस के राष्ट्रपति, फ्रांस के राष्ट्रपति, इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान करने के लिए हिंदुस्तान आए। कुछ साल पूर्व तक इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष, भारत की यात्रा के बाद लौटते समय पाकिस्तान की यात्रा भी करते थे, लेकिन आज ये सभी राष्ट्राध्यक्ष केवल हिंदुस्तान आए और जाते समय उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा करना आवश्यक नहीं समझा। यही भारत की प्रतिष्ठा है और यह भारतीय विदेश मंत्रालय की विशेष सफलता है।

उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के साथ संबंध सुधारने की बहुत आवश्यकता है। पाकिस्तान, चीन, नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के साथ निरंतर सीमाओं पर विवाद होना और खुली सीमाओं के माध्यम से स्मगलिंग, आतंकवादियों के आने-जाने की भी शिकायतें आती रहती हैं, जिन पर पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध होने से नियंत्रण पाया जा सकता है। इससे हमारा ध्यान देश के गरीब किसान, मजदूर, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक आदि के कल्याण पर केंद्रित रह सकेगा।

पुनिया ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में वातावरण बनाने के भारतीय प्रयासों में तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी की भूमिका की सराहाना की। पुनिया ने यह भी कहा कि विदेशों में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हिंदुस्तानी छात्रों के भविष्य की रक्षा करने के लिए भारत सरकार का हस्तक्षेप अनिवार्य है, आस्ट्रेलिया में विशेषकर हिंदुस्तानी छात्रों के साथ हो रहे उत्पीड़न और अत्याचार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिएं। भारतीय नवयुवकों को विदेशों में रोजगार के अवसरों को कम करने और कहीं-कहीं बंद करने का प्रयास किया जा रहा है, उसमें भी भारत सरकार का हस्तक्षेप अनिवार्य है, हिंदुस्तान ने सभी देशों को पूर्ण सम्मान देने की नीति अपनाई है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि भविष्य में भी इस नीति को अपनाते हुए भारत की प्रतिष्ठा कायम रहेगी। भारत के दूसरे देशों से बेहतर संबंध ही भारत की प्रतिष्ठा के मानक होंगे कहते हुए चर्चा का समर्थन किया।

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