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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि डॉ राम मनोहर लोहिया आज भी प्रासंगिक हैं, उनके चौखंबा राज और सप्तक्रांति के दर्शन से भारत में लोकतंत्र की मूल आत्मा को बचाया जा सकता है। लोकतंत्र और समाजवाद एक दूसरे के पर्याय हैं। डॉ लोहिया की इस विरासत को मुलायम सिंह यादव ही संभाल रहे हैं, उनके नेतृत्व में ही डॉ लोहिया के सपने साकार हो रहे हैं। डॉ लोहिया शताब्दी समारोह के समापन समारोह में अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र को विदेशी पूंजीनिवेश और बाजार के दबाव के साथ अन्याय और शोषण की बढ़ती प्रवृत्तियों से खतरा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाज में बढ़ रही गैर बराबरी के खिलाफ समाजवादी पार्टी ही संघर्ष कर रही है, डॉ लोहिया ने जो सपने संजोए थे समाजवादी पार्टी उनको पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है। प्रदेश में अन्याय और शोषण का समाजवादी पार्टी बराबर सामना कर रही है। समाजवादी पार्टी के जनांदोलन में डॉ लोहिया के 'मारेंगे नहीं, पर मानेंगे भी नहीं' के नारे का पूरी तरह पालन किया गया, राजकीय संपत्ति को कहीं क्षति नहीं पहुंची तो भी हमारे कार्यकर्ताओं को दमन और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। आज भी बड़ी संख्या में लोग जेल में हैं। झूठे केस लादे जा रहे हैं। प्रदेश में कानून का राज नहीं, बसपा नेताओं का राज चल रहा है, वही तय करते हैं कि कौन सी कानूनी धारा किस पर लगाई जाए। यूपी में डीआईजी स्तर का अधिकारी बर्बरता से नौजवान नेताओं को बूंटो से रौंदता है लोकतंत्र के इससे ज्यादा बुरे दिन और क्या होंगे?
उन्होंने कहा कि पार्टी के सामने कठिन चुनौतियां हैं, भारत में लोकतंत्र और इसके मूल्यों की रक्षा के लिए डॉ लोहिया की सप्तक्रांति की रोशनी में हमें आगे की लड़ाई लड़नी होगी। समाजवादी पार्टी सत्ता में आने पर बेईमान अफसरों को चिन्हित करके दंडित करेगी। नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि डॉ लोहिया ने अपने जीवन में सत्ता को नकार कर रचनात्मक विरोध की राजनीति की, उन्होंने संघर्ष करके बहुत यातनाएं झेलीं, हमने भी उन्हीं का रास्ता चुना है। समाजवाद का रास्ता पथरीला और कंटीला होता है, प्रदेश की जनता पिछले चार सालों से यातनाएं झेल रही है। राज्य की भ्रष्ट मुख्यमंत्री को सपा के नौजवानों ने हौसले के साथ जवाब दिया है। समाज के सभी वर्ग गरीब, किसान, छात्र, मजदूर, शिक्षक इस सरकार की नाइंसाफी के शिकार हैं। यादव ने कहा कि 2012 के चुनावों में समाजवादी पार्टी की ही सरकार बनेगी।
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रजातंत्र के रास्ते सत्ता में आई थीं किंतु वे इसे बर्बाद करने में लग गई हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बृजभूषण तिवारी ने कहा कि डॉ लोहिया ने हमें सिखाया था कि बड़े संकल्प के लिए कठिनाई भी उठानी पड़ती है। समारोह को पूर्व उप कुलपति, प्रोफेसर सत्यमित्र दुबे, बीएचयू के प्रोफेसर एके पांडेय, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रमेश दीक्षित, वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव एवं योगेश मिश्रा, डॉ अशोक बाजपेयी, डॉ सुनीलम, शतरूद्र प्रकाश, मुख्तार अनीस, संजय लाठर, आनंद भदौरिया, सुनील यादव आदि ने भी संबोधित किया।
लखनऊ में लोहिया ट्रस्ट के विक्रमादित्य मार्ग कार्यालय, चौक, लोहिया अस्पताल और लोहिया पार्क गोमतीनगर में डॉ लोहिया की प्रतिमाओं पर नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व मंत्री भगवती सिंह, राजेंद्र चौधरी ने माल्यार्पण किया। बलराम यादव, अंबिका चौधरी, रामगोविंद चौधरी, डॉ मधु गुप्ता, एसआरएस यादव, राज किशोर मिश्रा, रविप्रकाश वर्मा, पूर्व सांसद, रीना चौधरी, पूर्व सांसद डॉ फिदा हुसैन अंसारी, देवीबक्श सिंह, नईमुल हसन, नफीस अहमद, अनिल राजभर के अलावा बड़ी संख्या में विधायकों, महिलाओं, अधिवक्ताओं ने राम मनोहर लोहिया को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन पूर्वमंत्री भगवती सिंह ने किया। अखिलेश यादव ने बृजभूषण तिवारी संपादित स्मारिका लोहिया और युवजन, समाजवादी स्तंभ एवं अन्य पुस्तकों का विमोचन भी किया।