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नई दिल्ली। योजना आयोग ने वर्ष 2011-12 के लिए त्रिपुरा की वार्षिक योजना को मंजूरी दे दी है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार की बैठक के दौरान राज्य की 1950 करोड़ रुपए की वार्षिक योजना को स्वीकृति दी गई। अहलुवालिया ने राज्य की प्रगति पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि त्रिपुरा ने पंचायती राज की संस्थाओं को मजबूत बनाते हुए आंगनबाडी और आईसीडीएस के मोर्चे पर अच्छा काम किया है। इसी तरह स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार के प्रयास किए जाने की जरूरत है और राज्य के सामाजिक और भौतिक आधारभूत ढांचे के विकास के लिए निजी निवेश को बढ़ावा दिये जाने के उपाय करने होंगे।
उन्होंने कहा कि योजना आयोग 12वीं योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है और वह केंद्र सरकार के सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए राज्य के सुझावों का स्वागत करेंगे। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्यों को हासिल करने में ऊर्जा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में केंद्र और राज्य को भी पर्याप्त ध्यान देना होगा।
माणिक सरकार ने योजना आयोग को बताया कि राज्य सरकार की नयी पहलों का उद्देश्य संसाधनों को बढा़ना और विकासात्मक खर्च को घटाना है। उन्होंने कहा कि कर राजस्व बढ़ा है, वेतन खर्च नियंत्रण में है जिससे राज्य की आर्थिक क्षमता में सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रयोग के प्रयास किए जा रहे हैं। विकास की रणनीति में कौशल विकास और व्यवसायिक शिक्षा को महत्व देने के लिए राज्य के प्रत्येक अनुमंडल में एक आईटीआई की स्थापना का प्रयास किया जा रहा है।