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देहरादून। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर ने मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की पुस्तक 'सफलता के अचूक मंत्र' के बांग्ला अनुवाद का विमोचन किया। इस अवसर पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बारिन घोष, न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल, ग्राफिक एरा विवि के प्रोफेसर कमल घनशाला भी उपस्थित थे। न्यायमूर्ति कबीर ने पुस्तक को एक उत्कृष्ट पठनीय पुस्तक बताया। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में कही गई बातों को यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में उतारे तो यह निश्चित है कि उसे सदैव यह संतोष रहेगा, कि उसने अपना शत प्रतिशत प्रयास किया है।
न्यायमूर्ति ने पुस्तक के लेखक निशंक की प्रशंसा करते हुए कहा कि लेखक ने स्वयं एक स्कूल अध्यापक से मुख्यमंत्री पद तक का सफर तय किया है, ऐसे में सफलता के लिए उनके बताए सूत्रों और सिद्धांतों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह किताब आज के तनावयुक्त जीवन में ‘स्ट्रेस बस्टर’ का कार्य करती है, प्रत्येक व्यक्ति का अंतिम लक्ष्य एक अच्छा मनुष्य बनना होना चाहिए, दूसरों की मदद करने की भावना व्यक्ति के चरित्र निर्माण में सहायक होती है, इस पुस्तक में उद्धरण व्यक्ति के चरित्र के निर्माण में सहायक हैं।
विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति बारिन घोष ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि रमेश पोखरियाल निशंक, मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए भी इतनी अच्छी कृतियां रच लेते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद कुछ माह पहले पढ़ा था, तब उनके मन में भी यह विचार आया कि इस पुस्तक को बांग्ला में भी अनूदित होना चाहिए, पुस्तक का बांग्ला अनुवाद देखकर उन्हें हर्ष हुआ। उन्होंने कार्यक्रम उपस्थित छात्र-छात्राओं से कहा कि उन्हें सदैव अच्छी पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए।
मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उन्होंने यह पुस्तक युवाओं को ध्यान में रखकर लिखी है, ताकि उन्हें विषम परिस्थितियों में संघर्ष करने की प्रेरणा मिले। निशंक ने कहा कि उन्होंने जीवन में स्वयं काफी संघर्ष किया है और उन्हें लगता है कि सकारात्मक सोच से व्यक्ति जीवन में बहुत सी कठिनाइयों से आगे निकल सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक लोगों को उनके जीवन में संघर्ष के क्षणों में हौसला प्रदान करेगी। निशंक ने पुस्तक के प्रकाशक डायमंड पब्लिशर्स को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनकी कई रचनाओं को देखने के बाद उनसे युवाओं के लिए कोई पुस्तक लिखने का निवेदन किया था।
इससे पूर्व न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर, न्यायमूर्ति घोष और मुख्यमंत्री निशंक ने विश्वविद्यालय प्रांगण में संवेदना कार्यक्रम के अंतर्गत चलाये जा रहे रक्तदान कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अतिथियों ने रक्तदान के लिए आये छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनकी सराहना की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ राजेश नैथानी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संवेदना कार्यक्रम और आशीर्वाद कार्यक्रम की जानकारी दी।