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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने व्यापार एवं उद्योग परिषद की बैठक में कहा है कि सरकार को इस बात की जानकारी है कि भारतीय औद्योगिक क्षेत्र को आधारभूत ढांचे के घाटे जैसी अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, हम इन चुनौतियों पर काबू पाने में सहायता करने का हर संभव प्रयास करेंगे, सरकार देश में कॉर्पोरेट क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने पहले भी एक अवसर पर कहा था कि हाल की कुछ अनहोनी घटनाओं से उत्पन्न कॉर्पोरेट क्षेत्र की चिंताओं के बारे में मुझे जानकारी है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारा उद्योग जगत विश्वास के साथ और बिना किसी आशंका के आगे बढ़ता जाए। सरकार, प्रशासन के स्तर को सुधारने के प्रति भी वचनबद्ध है, हम भ्रष्टाचार से निपटने और पारदर्शिता का स्तर उठाने के लिए सभी प्रकार के वैधानिक और प्रशासनिक उपायों पर विचार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सतर्कता और कार्यान्वयन संस्थाओं को सुदृढ़ करने, काले धन और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सार्वजनिक वसूली मानकों के निरूपण, सार्वजनिक वसूली नीति के गठन और मंत्रियों के विशेषाधिकारों के उन्मूलन से संबंधित मामलों पर विचार करने का काम मंत्रियों के एक समूह को सौंपा गया है। जब कभी भी मैं अपने उद्योग और व्यापार के प्रतिनिधियों से मिलता हूं तो मुझसे अक्सर यह पूछा जाता है कि क्या आर्थिक सुधार जारी रहेंगे? इस बारे में मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि उद्योग जगत को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। अतीत के आर्थिक सुधारों से हमें लाभ पहुंचा है और हम इस मार्ग पर अग्रसर होना जारी रखेंगे, यह हो सकता है कि हम इस मामले में कुछ धीरे चलें और आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन सर्वसम्मति से तैयार करने का मार्ग अपनाएं, लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम दृढ़ रहेंगे।
मनमोहन सिंह ने कहा कि माल और सेवा कर को लागू करने जैसे कर सुधार सरकार के एजेंडे के बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्से हैं। वित्त क्षेत्र के सुधार भी बराबर महत्वपूर्ण हैं, हम शिक्षा और कौशल विकास में सुधार के प्रति भी वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमने सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में इक्विटी की बिक्री से संसाधन जुटाने का एक कार्यक्रम भी शुरू किया। उन्होंने आगामी महीनों में मुद्रास्फीति के स्तरों में कमी आने की भी आशा व्यक्त की।