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इग्नू का लखनऊ में दीक्षांत समारोह

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इग्नू दीक्षांत समारोह ignou convocation

लखनऊ। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का बाईसवां दीक्षांत समारोह शनिवार को देश के सभी क्षेत्रीय केंद्रों पर संपंन हुआ। मुख्य समारोह इग्नू के मुख्यालय मैदानगढ़ी, नई दिल्ली में हुआ, जहां केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने मुख्य अतिथि के रूप में दीक्षांत भाषण दिया। यह कार्यक्रम इग्नू के क्षेत्रीय केंद्रों पर टेली कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रसारित हुआ। इसका सजीव प्रसारण ज्ञान दर्शन चैनल पर देखा गया। इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ में गौतम बुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर कृपा शंकर अतिथि थे। यहां का दीक्षांत समारोह जय नारायण डिग्री कॉलेज (केकेसी) लखनऊ में चंद्रशेखर ऑडिटोरियम में हुआ। इस केंद्र से तीन छात्रों को स्वर्ण पदक मिला है।

कुलपति प्रोफेसर कृपा शंकर ने दीक्षांत भाषण में उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि वे सभी नई शताब्दी में प्रवेश कर चुके हैं जहां उनके सामने नए अवसरों के साथ-साथ नई चुनौतियां एवं बहुत सी सामाजिक एवं आर्थिक जटिलताएं भी हैं, मगर हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप अपनी शिक्षा से देश को बदली हुई अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति के लिए तैयार कर सकेंगे, क्योंकि यही आज का मूल मंत्र है। कुलपति ने कहा कि वे शिक्षार्थी जिन्हें उच्च शिक्षा और परंपरागत शिक्षा प्राप्त नहीं है, परंतु उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उनके लिए मुक्त विश्वविद्यालय पद्धति एक सशक्त विकल्प है और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय भारत में मुक्त शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च संस्था है।

प्रोफेसर कृपा शंकर ने इग्नू के प्रयास- शिक्षा सबके द्वार पर की प्रशंसा की और कहा कि इग्नू ही ऐसी संस्था है जो आधुनिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए हर वर्ग के लोगों को उच्च शिक्षा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य प्रत्येक को अपनी कार्य क्षमता बढ़ाने और अपने कार्य क्षेत्र में महारत प्राप्त करने के साथ-साथ एक सशक्त व्यक्तित्व का विकास करना है। उनका कहना था कि चीन का शिक्षा स्तर भारत से काफी ऊपर जा चुका है जबकि पहले वह इस क्षेत्र में भारत से बहुत पीछे था। उन्होंने खेद प्रकट किया कि दूसरे देशों की प्रतिभाएं अपने देश की प्रगति के लिए काम कर रही हैं मगर भारत की प्रतिभाएं यहां से बाहर जा रही हैं, जबकि चीन की प्रतिभाएं अपने देश के विकास में बड़ा योगदान दे रही हैं। प्रोफेसर शंकर ने इग्नू की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इग्नू के उपनिदेशक डॉ अश्वनी कुमार ने इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों, दृश्य और श्रृव्य सामग्री से उन्हें अवगत कराया।

इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अमित चतुर्वेदी ने स्वागत भाषण में मुक्त शिक्षा की बढ़ती हुई लोकप्रियता और इग्नू की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि इस समय इग्नू विश्व का सबसे बड़ा मेगा विश्वविद्यालय है, इग्नू को दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र माना गया है और उसे कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग द्वारा 'अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस फार डिस्टेंस एजूकेशन मैटीरियल' की उपाधि प्रदान की गई है। इग्नू में लगभग 3.0 मिलियन शिक्षार्थी पंजीकृत हैं और 2010 में कुल 5,35,000 शिक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं। ग्यारहवीं योजना में अब तक की चार वर्षों की अवधि में इग्नू लखनऊ की गतिविधियों में अप्रत्याशित तेजी आई है। यहां ग्यारह नई अध्ययन विद्यापीठों एवं राष्ट्रीय विकलांगता अध्ययन केंद्र की स्थापना, सर्वश्रेष्ठ संकाय सदस्यों, अनुभवी परामर्शदाताओं, पूर्णकालिक शोध एवं शिक्षण सहायकों की नियुक्ति और इन विद्यापीठों के लिए प्रासंगिक नए कार्यक्रमों का विकास इस अवधि की प्रमुख उपलब्धियां रही हैं।

उन्होंने कहा कि इग्नू में ऐसे नए विषयों के लिए सर्वश्रेष्ठ एवं मेधावी और युवा शोधकर्ताओं को आकर्षित किया जा सकेगा जिनका विकास सामाजिक रूप से संगत इन क्षेत्रों के जाने-माने विशेषज्ञों के साथ सघन परामर्श के बाद किया गया। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग, योजना आयोग और उच्च शिक्षा पर संसदीय समिति की सिफारिशों ने इन गतिविधियों में जरूरी योगदान दिया है। व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण विस्तार एवं विकास, लिंग एवं विकास, अंतर-विद्याश्रयी एवं परा-विद्याश्रयी अध्ययन, अनुवाद अध्ययन एवं प्रशिक्षण, सामाजिक कार्य, विदेशी भाषा, पत्रकारिता एवं नव मीडिया अध्ययन, प्रदर्शन एवं दृश्य कला, कारपोरेट शिक्षा, प्रशिक्षण और परामर्श, पारंपरिक ज्ञान प्रणालियां, शिक्षा की पारंपरिक प्रणालियों के साथ मुक्त एवं दूर शिक्षा प्रौद्योगिकियों का अभिसरण, सामुदायिक कालेज कौशल विकास कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के साथ इसका संपर्क जैसे कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें इन चार वर्ष में ठोस बुनियाद दी गई। पूर्णकालिक रिसर्च एंड टीचिंग असिस्टेंटशिप (आरटीए), सतत विकास, ई-ज्ञानकोश एवं फ्लेक्सीलर्न/इग्नू, वर्टिकल इंटीग्रेटेड फ्लेक्सीलर्न फुलटाइम इंजीनियरिंग प्रोग्राम, भारतीय थलसेना एवं वायुसेना के लिए क्रमश: ज्ञानदीप एवं आकाश दीप योजना, ओडीएल के जरिए ग्रामीण क्षमता विकास और स्थानीय प्रशासन का सशक्तिकरण जैसी परियोजनाएं एवं योजनाएं सतत और मूल्यवर्धित साबित हुई हैं। यह अवधि विश्वविद्यालय के लिए व्यवहारिक वित्तीय सामर्थ्य के साथ व्यापक जन समूह तक ज्ञान एवं कौशल पहुंचाने के लिए बौद्धिक क्षमताओं एवं ढांचागत सुविधाओं के प्रभावकारी एवं उपयुक्त इस्तेमाल के उसके राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्किंग के लिए काफी सार्थक रही हैं।

डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि इग्नू, उच्च शिक्षा के अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के बरक्स दूर एवं मुक्त शिक्षा के प्रधान राष्ट्रीय संसाधन केंद्र एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के निर्बाध प्रदाता के रूप में अपने मूल गुणों को बनाए हुए है। यह महिलाओं, अनुसूचित जातियों और जनजातियों, ग्रामीण आबादी, सुदूर क्षेत्रों, जनजातीय क्षेत्रों, विकलांगों एवं सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों तक शिक्षा और समान अवसर पहुंचाने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता का परिचय देता है। पिछले चार वर्ष में इसके विद्यार्थियों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 30 लाख से अधिक हो गई है और इससे प्रभावित होकर संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने इसे वर्ष 2010 में दुनिया का विशालतम, सर्वाधिक विविधतापूर्ण एवं समावेशी उच्च संस्थान घोषित किया है। इग्नू, इतने अधिक शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राष्ट्रव्यापी शिक्षार्थी सहायता केंद्रों का नेटवर्क है जिसके अंतर्गत 61 क्षेत्रीय केंद्र, 3000 से भी अधिक अध्ययन केंद्र एवं उनके पूरक हैं। इसके अलावा अन्य देशों में भी इग्नू के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

डॉ अमित चतुर्वेदी ने कहा कि विगत वर्षों में उपग्रह संचालित शिक्षा के राष्ट्रीय संसाधन केंद्र के रूप में भी इग्नू उभर कर आया है। भारत सरकार ने इग्नू को ज्ञानदर्शन (टेलीविजन नेटवर्क), ज्ञानवाणी (एफएम रेडियो स्टेशन नेटवर्क) इंटरएक्टिव रेडियो काउंसलिंग का नोडल केंद्र बनाया है। उत्तर प्रदेश में ज्ञानवाणी एफएम रेडियो स्टेशन, लखनउ, इलाहाबाद, कानपुर, बनारस एवं आगरा में हैं। आज ज्ञानदर्शन के चार टेलीविजन चैनल, आईआईटी, एनसीआरटी, यूजीसी, एनआईओएस आदि के सहयोग से लोगों तक गुणात्मक एवं सुलभ शिक्षा पहुंचाने के प्रयास में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त इग्नू शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए शिक्षा को समर्पित विभिन्न स्वयं सेवी एवं सरकारी संस्थाओं का भी सहयोग ले रही है। वर्ष 2008 में इग्नू ने ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष अध्ययन केंद्रों की स्थापना की है। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए इग्नू ने आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों में भी विशेष अध्ययन केंद्र खोले हैं। सन्‍ 1987 में लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र पर जब शैक्षिक कार्य शुरू हुआ उस समय केवल 246 विद्यार्थी एवं 10 अध्ययन केंद्र थे। लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र ने विगत वर्षों में महत्वपूर्ण विकास किया है, वर्ष 2010-11 शैक्षणिक सत्र में 21,795 विद्यार्थी पंजीकृत हैं एवं 99 अध्ययन केंद्र हैं। डॉ चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2009 में सर्वोत्तम सेवाओं के लिए इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया था जिसे उन्होंने स्वयं दिल्ली के मुख्य समारोह में प्राप्त किया था। इससे पूर्व भी 2004 में इस केंद्र को सर्वोत्तम सेवाओं के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त हो चुका है।

शनिवार को बाईसवें दीक्षांत समारोह में इस केंद्र के 6360 विद्यार्थियों को डिग्री एवं डिप्लोमा प्रदान किया गया। इनमें रमेश कुमार पांडेय को आईपीएचएडपीए कार्यक्रम में, उज्जवल ग्रोवर को बैचलर ऑफ एजुकेशन में और हरिपाल सिंह को डिप्लोमा इन वैल्यू एडेड प्रोडक्ट फ्राम फ्रूट्स एंड वेजेटेबिल में स्वर्ण पदक से आभूषित किया गया। दीक्षांत समारोह में इग्नू के उपनिदेशक डॉ अश्विनी कुमार ने धन्यवाद दिया।

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