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वन प्रबंधन के लिए छह अरब रूपये

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नई दिल्ली। वन प्रबंधन योजना में तेजी लाने से राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में वनों के आधारभूत ढ़ांचे के विकास में अंतर को पाटने में सफलता का दावा किया गया है। पहले इस योजना को समन्वित वन संरक्षण योजना के नाम से जाना जाता था। यह पर्यावरण और वन मंत्रालय की एक केंद्र प्रायोजित योजना है। मंत्रालय, राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को वर्तमान वनों के संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियों को चलाने के लिए वित्तीय सहायता देता है। राज्य वन विभागों को दी गयी वित्तीय सहायता वन संरक्षण की उनकी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के काम में लाई जाती है। इनमें आधारभूत ढांचा विकास, आधुनिक तकनीकों का प्रयोग खेतों में चलने वाले नये वाहनों को काम में लेकर गतिशीलता बढ़ाना बेहतर संचार और वन व्यवस्था के अग्रणी बल के लिए हथियार और गोलाबारूद उपलब्ध कराना शामिल है।

यह योजना जंगलों में आग पर नियंत्रण पाने और प्रबंधन के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने, सर्वेक्षण, सीमांकन और कार्य योजना तैयार करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। यह योजना दसवीं योजना के दौरान सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में लागू दो योजनाओं (पूर्व उत्तर क्षेत्र के लिए वन अग्निशमन प्रबंधन और आधारभूत ढांचा विकास) की विलय से गठित की गयी। वर्ष 2009 के दौरान चार नये घटकों को जोड़कर इसके उद्देश्यों का विस्तार करने के लिए संशोधित की गयी।

इस योजना के लिए धन साझेदारी के आधार पर उपलब्ध कराया जाता है। सिक्किम सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों और विशेष वर्ग के राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए केंद्र और राज्य 90:10 आधार पर धन उपलब्ध कराते हैं, जबकि अन्य सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के लिए केंद्र और राज्यों के बीच धन का अनुपात 75:25 है। इस योजना के मुख्य घटकों में वनों में आग पर नियंत्रण और प्रबंधन, आधारभूत ढांचे का सुदृढीकरण, सर्वेक्षण और सीमांकन/ कार्य योजना की तैयारी, पवित्र उपवनों की सुरक्षा और संरक्षण, अनूठी वनस्पति और पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण एवं बहाली, वन आक्रमक प्रजातियों पर नियंत्रण एवं उन्मूलन और बांस प्रोत्साहन की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी और बांस के वनों के प्रबंधन में सुधार शामिल है।

वन योजना के अधीन कई नये कार्य भी किये जाते हैं, जिनमें अग्नि रेखा का सृजन और रखरखाव, आग पर नजर रखने वालों की नियुक्ति, जल संचयन ढांचे का निर्माण, निगरानी स्तंभ, अग्रिमपंक्ति के कर्मचारियों के लिए कार्यालय और आवासीय भवन और वन मार्गों में सुधार, अग्निशमन उपकरणों और वाहनों की व्यवस्था, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, सजगता अभियान और स्थानीय लोगों की सक्रियता सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की सहायता, बेतार और संचार नेटवर्क, वन संरक्षण के अग्रणी कर्मचारियों के लिए हथियार, कार्यालय उपकरणों का आधुनिकीकरण, सर्वेक्षण सीमाकंन और कार्य योजनाओँ की तैयारी शामिल हैं।

इस योजना के लिए 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए छह अरब रुपये निर्धारित किये गये हैं। योजना में निर्धारित किसी वित्त वर्ष की स्वीकृति संचालन वार्षिक योजना के लिए केंद्र सरकार के हिस्से के बराबर सभी राज्यों/ संघ शासित सरकारें अपने हिस्से का धन जुटाती हैं। राज्य सरकारों को योजना के अधीन सृजित संपदा के रखरखाव और इस प्रकार सृजित संपदा के उपयोग के लिए वित्तीय और जन शक्ति संसाधन भी उपलब्ध कराने होते हैं।

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