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बेघरों के लि‍ए राज्यों की पुन: सहायता

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नई दिल्ली। आवास नि‍र्माण, बस्‍ति‍यां बसाना और आश्रय उपलब्‍ध कराना राज्‍य सरकारों की जि‍म्‍मेदारी होती है, फि‍र भी केंद्र सरकार वि‍भि‍न्‍न योजनाओं के माध्‍यम से राज्‍यों को वि‍त्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराती है। वर्तमान में झुग्‍गी-झोपड़ी नि‍वासि‍यों को आश्रय, सुरक्षा एवं मूल सुवि‍धाएं उपलब्‍ध कराने के लि‍ए केंद्र की ओर से राज्‍यों की सहायता की जा रही है।

जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मि‍शन (जेएनएनयूआरएम) के अंतर्गत भागीदारी में कम लागत के मकान योजना के माध्‍यम से कम लागत के मकानों का नि‍र्माण कि‍या जा रहा है, जो शहरी गरीबों के लि‍ए ब्याज राज सहायता योजना (आईएसएचयूपी) के तहत 5 प्रति‍शत ब्‍याज अनुदान के साथ कम लागत के आवास ऋण पर दि‍ए जाएंगे।

सन् 1988-89 से पूर्व मंत्रालय ने शहरी बेघरों के लि‍ए रैन बसेरा योजना के अंतर्गत आश्रय नि‍र्माण के लि‍ए राज्‍यों को वि‍त्‍तीय सहायता प्रदान की थी। शहरों में फुटपाथ पर रहने वालों के लि‍ए रैनबसेरों की पूर्व योजना में 97 योजनाओं में परस्‍पर 17341 बि‍स्‍तर, 15603 टॉयलेट सीट, 2015 स्‍नानगृह एवं 2102 मूत्रालयों के 15 राज्‍यों में नि‍र्माण करने की स्‍वीकृति दी गई थी। योजना को 2005-06 में राज्‍य क्षेत्र को स्‍थानांतरि‍त कर दि‍या गया था और केंद्र से वि‍त्‍तीय सहायता बंद कर दी गई थी।

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