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बाबू जगजीवन राम स्‍मारक व्‍याख्‍यान

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मोहम्मद हामि‍द अंसारी-mohammad hamid ansari

नई दिल्ली। उपराष्‍ट्रपति मोहम्मद हामि‍द अंसारी ने बुधवार को बाबू जगजीवन राम स्‍मारक व्‍याख्‍यान दि‍या। उपराष्‍ट्रपति ‍ने कहा कि बाबूजी का जीवन सामाजि‍क एवं आर्थि‍क ढांचों में समान अवसर के एकल व्‍यक्‍ति ‍अनुसरण का वास्‍तवि‍क प्रदर्शन था। उनका वि‍श्‍वास था कि‍ प्रजातंत्र एवं जाति ‍व्‍यवस्‍था साथ-साथ नहीं चल सकते, यही कारण था कि ‍प्रजातंत्र की क्रि‍यावि‍धि ‍एवं संवैधानि‍क मूल्‍यों के अनुसरण से कोई भी समाज में परि‍वर्तन की कामना कर सकता है। अंसारी ने कहा कि‍ कृषि‍ में बाबूजी की पांच नीति‍यों की पहुंच महत्‍त्‍वपूर्ण थी और वह आज भी प्रासंगि‍क हैं। लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार ने कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की। मीरा कुमार के अलावा अनेक सांसद वि‍शि‍ष्‍ट अति‍थि कार्यक्रम में उपस्‍थि‍त थे।

वि‍शि‍ष्‍ट व्‍यक्‍ति‍यों का स्‍वागत करते हुए सामाजि‍क न्‍याय एवं अधि‍कारि‍ता मंत्री मुकुल वासनि‍क ने कहा कि ‍बाबू जगजीवन राम स्‍मारक व्‍याख्‍यानों का उद्देश्‍य बाबूजी की वि‍चारधारा और दर्शन का प्रचार करना और उन वि‍षयों एवं शीर्षकों पर स्‍पष्‍ट वि‍चार व्‍यक्‍त करने के लि‍ए मंच उपलबध कराना है, जि‍न्‍हें बाबूजी ने स्‍वयं संबोधि‍त कि‍या, वे आज भी प्रासंगि‍क हैं। मुकुल वासनि‍क ने कहा कि ‍बाबूजी की संघर्ष बपौती एवं देश के प्रति ‍सेवा हमें लगातार प्रोत्‍साहि‍त कर रही है और आने वाली पीढ़ि‍यों को भी प्रोत्साहि‍त करती रहेगी। स्‍वतंत्रता आंदोलन के मूल्‍यों को वे हृदय में संजोए रहे, जबकि ‍वे राजनीति‍ एवं सार्वजनि‍क जीवन में महत्वपूर्ण सफलता अर्जि‍त कर चुके थे।

मुकुल वासनि‍क ने कहा कि ‍बाबूजी का जीवन देश में जाति ‍वि‍हीन समाज की स्‍थापना करने के लि‍ए लंबे संघर्ष का जीता जागता उदाहरण है। सामाजि‍क परि‍वर्तन के महान प्रति‍नि‍धि होने के साथ-साथ वे श्रेष्‍ठ प्रशासक भी थे। ‍यह महत्‍त्‍वपूर्ण है कि ‍21वीं शताब्‍दी में हमारे समाज के सामने आ रही चुनौति‍यों को दूर करने के लि‍ए हमें उनके पदचि‍ह्नों पर चलना चाहि‍ए।

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