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नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर 7 अप्रैल 2011 को नई दिल्ली में बैठक हुई जिसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व भारत सरकार के संस्कृति सचिव जवाहर सरकार ने किया, जबकि बांग्लादेश की अगुवाई वहां की संस्कृति सचिव सुरैया बेगम ने की। वे संस्कृति मंत्री कुमारी शैलजा से भी मिलीं। भारत और बांग्लादेश में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और जातीय रुप से काफी समानता है। दोनों देशों के बीच सबसे पहले सन् 1972 में सांस्कृतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें कला संस्कृति, टीवी, रेडियो, सिनेमा, प्रेस, खेल, युवा गतिविधियों और एक-दूसरे के यहां सांस्कृतिक दौरे सहित व्यापक क्षेत्रों को समाहित किया गया है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 11 जनवरी 2010 को जब नई दिल्ली यात्रा पर आई थी तो उनकी यात्रा के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में वर्ष 2010-12 के सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए थे। उस समय किए गए महत्वपूर्ण समझौते में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 150वीं वर्षगांठ संयुक्त रूप से मनाने संबंधी समझौता भी हुआ था। दोनों पक्षों के बीच बातचीत गर्मजोशी के माहौल में हुई और दिसंबर 2010 में भारतीय सांस्कृतिक सचिव की बांग्लादेश की सफल यात्रा को याद किया गया और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। स्मारक और पुरातत्व, संग्रहालय और दृश्य कला, राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय, फिल्म और मीडिया, पुस्तकालय और अभिलेख, परफोरमिंग आर्ट, युनेस्को के सांस्कृतिक धरोहर के लिए संयुक्त मनोनयन और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 150वीं वर्षगांठ की स्मृति में कार्यक्रम, इस सिलसिले में ढाका में 6 मई 2011 को उद्घाटन समारोह और 7 मई 2011 को नई दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित किया जाना, जिसे वर्षभर मनाया जाएगा।