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बहराइच। घंटाघर पार्क में मुस्लिम रिज़र्वेशन मूवमेंट का क्षेत्रीय सम्मेलन हुआ जिसकी अध्यक्षता मूवमेंट के वरिष्ठ नेता डॉ शफ़ीकुर्रहमान बर्क़ ने की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम रिज़र्वेशन मूवमेंट की मांगों को हासिल करने के लिये वह हर तरह से संघर्ष करेंगे और इन मांगों को पूरा करवाने के लिये जो भी कार्यक्रम किये जाएंगे वह उनमें पूरी तरह सहयोग करेंगे।
सम्मेलन में मूवमेंट के संयोजक ज़फ़रयाब जीलानी ने कहा कि मुसलमानों के आरक्षण से संबंधित आंदोलन की मांगे भारतीय संविधान में सुनिश्चित अधिकारों के क्षेत्र में आती हैं और उनको स्वीकार करने में किसी प्रकार की न्यायिक अथवा संवैधानिक बाधा नहीं है। मूवमेंट के क्षेत्रीय जन संपर्क मुहिम के इंचार्ज सलीम पीर ज़ादा ने कहा कि जो राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों के आक्षरण का समर्थन नहीं करेंगी उनको चुनाव में भी नुक़सान हो सकता है। मूवमेंट के को-आर्डिनेटर मोहम्मद क़मर आलम और अन्य जिम्मेदार विशेषकर मुश्ताक़ अली खां, चौधरी ज़ियाउल इस्लाम, डॉ अज़ीज अहमद, नदीम अहमद सिद्दीक़ी एडवोकेट, इलियास आज़मी (भूतपूर्व सांसद), वसी अहमद एडवोकेट, डॉ एजाज़ अली (भूतपूर्व सांसद), मलिक अज़ीम अहमद ख़ान और यूसुफ़ क़ुरैशी एडवोकेट आदि ने मूवमेंट की मांगों का समर्थन किया।
मूवमेंट की मांगों के अनुसार दलित मुसलमानों अर्थात उन मुसलमानों को जो अनुसूचित जाति में शामिल अन्य लोगों की भांति कार्य करते हैं, संविधान की धारा 341 के अंतर्गत जारी प्रेसिडेंशियल ऑर्डर 1950 में संशोधन करके अनुसूचित जाति में घोषित किया जाए ताकि उन्हें भी हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म के मानने वाली अनुसूचित जातियों की भांति आरक्षण की सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। इस संबंध में जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिर्पोट को संसद में पारित करके उसके अनुसार शीघ्र कार्रवाई की जाए। मंडल कमीशन में चिन्हित उन मुस्लिम बिरादरियों, जिन्हें 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण का हक़दार माना गया है, के लिये उनकी आबादी के अनुपात में 27 प्रतिशत के अंदर 9 प्रतिशत का कोटा सुनिश्चित किया जाये ताकि मुस्लिम पिछड़ा वर्ग भी 27 प्रतिशत आरक्षण का पूर्ण लाभ उठा सके। अन्य मुसलमानों के लिये भी, उन लोगों को छोड़कर जो क्रीमी लेयर में आते हैं, रंग नाथ मिश्रा कमीशन की रिर्पोट के आधार पर, आबादी के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था की जाए।
जस्टिस राजेंद्र सच्चर कमेटी और जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिर्पोट में की गई सिफ़ारिशों के आधार पर मुसलमानों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिये फ़ौरी तौर पर अमली इक़दामात किए जाएं और मुसलमानों के लिए भी अनुसूचित जातियों की तरह स्कॉलरशिप और नो एडमीशन फीस की व्यवस्था की जाए। सम्मेलन में क्षेत्रीय पदाधिकारियों में अब्दुल हमीद शाह, शकील अहमद क़िदवाई एडवोकेट, मोहम्मद सलीम, अबुल कलाम खां इत्यादि ने बहराइच और देवीपाटन मंडल की ओर से सहयोग करने का आश्वासन दिया।
सम्मेलन में सुनिश्चित किया गया कि मूवमेंट की मांगों पर ज़ोर देने के लिए उसका प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य धर्मनिर्पेक्ष पार्टियों के नेताओं से भेंट करेगा। इन नेताओं से भेंट कराने की ज़िम्मेदारी डॉ शफ़ीकुर्रहमान बर्क़ (सांसद) के सुपुर्द की गई। यह भी तय पाया गया है कि आंदोलन का प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से भी भेंट करे और उनसे भेंट कराने की ज़िम्मेदारी आंदोलन के संयुक्त संयोजक मलिक अज़ीम अहमद खां के सुपुर्द की गई। सम्मेलन में यह भी सुनिश्चित किया गया कि दिल्ली में एमआरएम की मांगों पर ज़ोर देने के लिए धरना कार्यक्रम और उसके पश्चात लखनऊ में एक प्रांतीय सम्मेलन किया जाए। सम्मेलन में जरवल, भिनगा, इकोना, मिहीपुरवा, रूपैडिहा, फ़ख़रपुर, नानपारा, क़ैसरगंज, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर और तुलसीपुर के ज़िम्मेदारों ने भाग लिया।