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लंदन। अंतर्राष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान वर्ष 2011 के लिए पत्रकार कथाकार विकास कुमार झा को उनके (राजकमल प्रकाशन से 2010 में प्रकाशित) उपन्यास मैकलुस्कीगंज पर दिया जाएगा। कथा (यूके) के महासचिव एवं कथाकार तेजेंद्र शर्मा ने बताया है कि यह उपन्यास दुनिया के एक अकेले एंगलो-इंडियन ग्राम की महागाथा है। इस सम्मान के अंतर्गत दिल्ली-लंदन-दिल्ली का आने-जाने का हवाई यात्रा का टिकट एअरपोर्ट टैक्स़, इंग्लैंड के लिए वीसा शुल्क़, एक शील्ड, शॉल, और लंदन के खास-खास दर्शनीय स्थलों का भ्रमण आदि शामिल होंगे। यह सम्मान विकास कुमार झा को लंदन के हाउस ऑफ कॉमंस में 27 जून 2011 की शाम को एक भव्य आयोजन में प्रदान किया जाएगा। सम्मान समारोह में भारत और विदेशों में रचे जा रहे साहित्य पर गंभीर चिंतन भी किया जाएगा।
इंदु शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना संभावनाशील कथा लेखिका एवं कवयित्री इंदु शर्मा की स्मृति में की गई थी। अब तक यह प्रतिष्ठित सम्मान चित्रा मुद्गल, संजीव, ज्ञान चतुर्वेदी, एसआर हरनोट, विभूति नारायण राय, प्रमोद कुमार तिवारी, असग़र वजाहत, महुआ माजी, नासिरा शर्मा, भगवान दास मोरवाल एवं हृषिकेश सुलभ को प्रदान किया जा चुका है। सात अक्टूबर 1963 को जन्मे विकास कुमार झा ने सोशियॉलोजी में एमए की डिग्री हासिल की है। वे रविवार, आउटलुक, एवं माया जैसी पत्रिकाओं के संपादन विभाग से जुड़े रहे। आजकल वे राष्ट्रीय प्रसंग पत्रिका के संपादक के रूप में कार्यरत हैं। वे हिंदी एवं अंग्रेज़ी में समान रूप से लिखते रहे हैं। सम्मानित उपन्यास के अतिरिक्त उनका कविता संग्रह इस बारिश में, उपन्यास भोग, निबंध संग्रह–परिचय पत्र एवं स्वतंत्र भारत का राजनीतिक इतिहास–सत्ता के सूत्रधार प्रकाशित हो चुके हैं। वे टेलिविज़न पर ऐंकर के रूप में भी काम कर चुके हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान भारत एवं विदेशों में रचे जा रहे हिंदी साहित्य के बीच के रिश्तों पर गंभीर चर्चा होगी। वर्ष 2011 के लिए पद्मानंद साहित्य सम्मान इस बार लेस्टर निवासी कथाकार एवं ग़ज़लकार नीना पॉल को उनके उपन्यास तलाश (अयन प्रकाशन) के लिये दिया जा रहा है। अंबाला (भारत) में जन्मी नीना पॉल ने एमए, बीएड की डिग्रियों के अतिरिक्त संगीत की भी बाक़ायदा शिक्षा ली है। सम्मानित उपन्यास के अतिरिक्त उनके पांच ग़ज़ल संग्रह कसक, नयामत, अंजुमन, चश्म-ए-ख़्वादीदा, मुलाक़ातों का सफ़र और एक उपन्यास रिहाई प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी ग़ज़लों का एक ऑडियो सीडी कसक के नाम से भी जारी हो चुका है।
इससे पूर्व ब्रिटेन के प्रतिष्ठित हिंदी लेखकों क्रमश: डॉ सत्येंद्र श्रीवास्तव, दिव्या माथुर, नरेश भारतीय, भारतेंदु विमल, डॉ अचला शर्मा, उषा राजे सक्सेना, गोविंद शर्मा, डॉ गौतम सचदेव, उषा वर्मा, मोहन राणा, महेंद्र दवेसर एवं कादंबरी मेहरा को पद्मानंद साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। कथा यूके परिवार ने उन सभी लेखकों, पत्रकारों, संपादकों मित्रों और शुभचिंतकों का हार्दिक आभार मानते हुए उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है जिन्होंने इस वर्ष के पुरस्कार चयन के लिए लेखकों के नाम सुझा कर उसका मार्गदर्शन किया है।