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नई दिल्ली। 'अपने आकार और देश भर में पहुंच के साथ डाक संपर्क एक ऐसा अनोखा संस्थान है, जिसमें ग्रामीण समुदाय की सेवा करने की क्षमता है। डाक घर ग्रामीण समुदाय का एक लघु रूप है और वातावरण में होने वाले परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील है, इसलिए डाक विभाग को इस नये वातावरण में डाकघर की भूमिका को स्पष्ट रूप से पुनर्परिभाषित करने एवं नवीनीकृत करने की आवश्यकता है।' नई दिल्ली में ग्रामीण डाक संपर्क के आधुनिकीकरण पर राष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि डाक विभाग पहले ही सूचना प्रौद्योगिकी को शामिल करने की दिशा में अग्रसर है। प्रौद्योगिकी मंजिल नहीं है, बल्कि सुशासन एवं बेहतर सेवा जैसे लक्ष्यों को प्राप्त करने का साधन है। सिब्बल ने कहा कि भारतीय डाक को प्रौद्योगिकी के माध्यम से रूपांतरण के प्रति दृढ़ संकल्प दिखाना चाहिए। ग्रामीण डाक सेवाओं को वित्तीय समावेश का वाहन एवं अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने एजेंट के रूप में विकसित करने के लिए उनको सक्षम बनाया जा रहा है। भारतीय डाक विश्व का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है, जिसका एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण भारत में स्थित है, जिसमें 1,39,000 डाक घर शामिल हैं। इस सम्मेलन में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट,योजना के सदस्य मिहिर शाह, ग्रामीण विकास सचिव बीके सिन्हा, सचिव (डाक) राधिका दोरईस्वामी के अलावा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।