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लंदन। 'दुर्भाग्यवश हमे अप्रसन्न या दुःखी रहने की आदत हो गई है, हमारा दिमाग़ एक बंदर की तरह है, जिसे जो सिखाया जाता है, सीख जाता है, अधिकतर लोगों को दूसरों को दुखी देख कर प्रसन्नता का अहसास होता है, याद रखिये! जब तक हम जीवित हैं, हमारे पास मुस्कुराने का विकल्प मौजूद हैं, मृत्यु के बाद तो एक स्थाई दुःख का भाव हमारे चेहरे पर छाने ही वाला है।' यह कहना है भारत के प्रतिष्ठित प्रेरक वक्ता मिनोचर पटेल का। वे लंदन के हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में कथा यूके का 'कथा यूके ग्लोबल एक्सिलेंस सम्मान' प्राप्त कर रहे थे। उन्हें यह सम्मान लॉर्ड तरसेम किंग ने महत्वपूर्ण लोगों की उपस्थिति में प्रदान किया।
वे बता रहे थे कि प्रसन्नता कैसे हासिल की जा सकती है। अपने एक घंटे के सुरूचिपूर्ण वक्तव्य में लगातार मुस्कुराते और हंसते मिनोचर पटेल ने श्रोताओं को प्रसन्न रहने के लिए 6 गुरूमंत्र दिए। उनका कहना था, 'संतुलन, नकारात्मकता का त्याग, अनासक्त आसक्ति, ऐसे जियो जैसे कि आज आख़री दिन है, न्यूनतम आशा रखना और एक अच्छा इंसान बनने का प्रयास करने में ही प्रसन्न रहने की कुंजी छिपी है।
काउंसलर ज़कीया ज़ुबैरी ने हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में मिनोचर पटेल का स्वागत करते हुए कहा कि आज के तनाव एवं चिंतायुक्त समय में प्रसन्न रह पाना बहुत कठिन हो गया है, हम परेशान और दुखी रहने के लिये सौ तिकड़में करते हैं, मगर हमने ख़ुश रहने के साधारण तरीक़े भी नहीं सीखे हैं। उन्होंने कहा कि कथा यूके विश्व पटल पर हिंदी साहित्य को स्थापित करने के लिये कटिबद्ध है और इस ओर लगातार प्रयास करती है। आज का कार्यक्रम निश्चित रूप से एक नई दिशा में एक नया क़दम है और पूरा विश्वास है कि यह कार्यक्रम हम सभी को ख़ुशी प्रदान करेगा, आपको ख़ुशी प्रदान करेगा और इस कार्यक्रम के बाद आप जिस जिससे मिलेंगे, उन्हें भी ख़ुशी देगा।
नेटवेस्ट बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर (रिटेल) ग्रेग हीटन ने मिनोचर पटेल के 6 गुरू मंत्रों की तारीफ़ करते हुए कहा कि अपने कार्यालय के वातावरण को सौहार्दपूर्ण बनाने के लिये इन गुरू मंत्रों का पालन करना ज़रूरी है। कथा यूके की उपसचिव दीप्ति शर्मा का कहना था कि प्रसन्नता की ख़ासियत यह है कि जब व्यक्ति प्रसन्न होता है तो यह उसके शरीर, मन और आत्मा से प्रेषित होती है, यह एक ऐसी सकारात्मक भावना है जो कि इंसान के भीतरी व्यक्तित्व का अनावरण करती है।
अध्यक्ष पद से बोलते हुए लॉर्ड किंग ने जीवन में प्रसन्नता के महत्व पर ज़ोर देते हुए मिनोचर पटेल को धन्यवाद दिया कि उन्होंने अपने विचारों को श्रोताओं से साझा किया। लॉर्ड किंग ने कथा यूके के साथ अपने पुराने रिश्तों को याद करते हुए कहा कि भविष्य में भी कथा यूके यूं ही समुदाय से जुड़े काम करती रहेगी। उन्होंने कथा यूके को पूरे सहयोग का आश्वासन भी दिया। कथा यूके के महासचिव तेजेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए नेहरू सेंटर की निदेशिका मोनिका मोहता का विशेष धन्यवाद किया जिन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों में विशेष रूप से बैंक अधिकारी शामिल थे–नेटवेस्ट बैंक के ग्रेग हीटन, स्टुअर्ट ऑल्ड्रिच, शैरन रॉबिंसन, तामेर सेंसर एवं अब्दुल ख़ान हबीब बैंक एजी ज़्यूरिख़, के नय्यर ज़ैदी, हसन ज़िया, ख़ुर्शीद सिद्दीकी एवं मेसम अली, स्टेट बैंक से अजय कालरा, भारतीय उच्चायोग से पद्मजा, बीबीसी हिंदी के भूतपूर्व अध्यक्ष कैलाश बुधवार, जीएलए लंदन के सदस्य मुराद क़ुरैशी, काउंसलर केसी मोहन, काउंसलर सुनील चोपड़ा, बिज़नस समुदाय से हातिम सुत्तरवाला, असमा सुत्तरवाला, सक़ीना सुत्तरवाला, अब्बास गोकल, रुकैया गोकल, शिक्षाविद् फ़िल जेकमैन, साहित्यकार उषा राजे सक्सेना, डॉ किशन उपाध्याय, केबीएल सक्सेना, राखाल साहा, इंदर स्याल, दयाल शर्मा, इस्माइल चुनारा एवं अरुणा अजितसरिया।