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देहरादून। उत्तराखंड की राज्यपाल और भारतीय रेडक्रास समिति उत्तराखंड की पदेन अध्यक्ष मार्ग्रेट आल्वा की अध्यक्षता में दैवीय आपदाओं से बचाव के लिए असैनिक नागरिकों को निपुण किए जाने और आपदा प्रबंधन बजट आवंटन के संदर्भ में बुलाई गई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। इनमें एक निर्णय यह है कि जिलाधिकारी आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए अपने यहां 15 समर्पित स्वयंसेवी चयनित करेंगे जो एक सप्ताह का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रत्येक जनपद में सिविल सोसाइटी के विभिन्न समूहों को ट्रेनिंग देंगे।
नवनिर्मित रेडक्रास भवन में संपंन इस बैठक में राज्यपाल ने कहा कि दैवीय आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए ग्राम्य स्तर तक विभिन्न संगठनों के समर्पित स्वयंसेवियों को सर्च एंड रैस्क्यू, जन-जागरूकता लाने और प्राथमिक चिकित्सा संबंधी कार्यो का प्रशिक्षण दिया जाना नितांत आवश्यक है। इन स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित करने के लिए मास्टर ट्रेनर की प्रभावी नेतृत्व वाली टीम प्रत्येक जनपद में तैयार करनी होगी।
राज्य में आपदा प्रबंधन के प्रति गंभीर राज्यपाल ने कहा कि मास्टर ट्रेनर को रेडक्रास भवन में एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण की कार्य योजना पर विचार-विमर्श के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी जनपदो के मास्टर्स ट्रेनर को यथाशीघ्र प्रशिक्षित करने के लिए रेडक्रास भवन में 4 शिविर आयोजित होंगे जिनमें 3-3 जनपदों के प्रतिनिधियों को एक साथ प्रशिक्षित किया जाएगा। सभी मास्टर्स ट्रेनर को खोज, बचाव और जागरूकता लाने संबंधी आधार सामग्री सहित प्राथमिक उपचार किट्स भी उपलब्ध करायी जाएगी।
पिछले वर्ष रेडक्रास के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत संपूर्ण राज्य में 4576 स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित किये जाने के अनुकूल परिणामों के दृष्टिगत राज्यपाल ने कहा कि आपदा से बचाव के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम को जन-अभियान की तरह चलाना होगा। दैवीय आपदा से बचाव के उपायों के प्रति जन जागरूकता लाने के लिए सभी महत्वपूर्ण सहायक संस्थानों और व्यक्तियों के संपर्क सूत्रों, (टेलीफोन नंबर, पता) का रेडियो टीवी समाचार पत्र आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार थोड़े-थोड़े समयांतर पर किया जाना आवश्यक है।
संसाधन विहीन सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा के समय प्रभावितों को तत्कालिक सहायता के लिए सक्षम प्रशिक्षित लोगों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दृष्टि से आहूत इस बैठक में विचार विमर्श के क्रम में राज्यपाल ने राज्य स्तरीय कोर कमेटी का गठन भी किया जिसमें रेडक्रास, आपदा प्रबंधन, वित्त, सेवा निवृत्त सैनिक, आईएमए, एनएसएस, स्वास्थ्य, स्काऊट गाइड, एनसीसी, स्वैच्छिक संस्थाएं, आईसीसीडब्ल्यू, सिविल डिफेंस, शिक्षा, आंगनवाड़ी और आशा वकर्स सहित व्यापार मंडल आदि विभिन्न संगठनों/संस्थानों से एक-एक प्रतिनिधि लिया जाएगा। कमेटी में राज्यपाल के अपर सचिव राजभवन के प्रतिनिधि होंगे।
बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य में संचालित ब्लड बैंकों के उच्चीकरण और उन्हें स्तरीय बनाने और विगत वर्ष आपदा में नष्ट हुए स्कूल भवनों के पुनरोद्धार, नेटवर्क बिल्डिंग की आवश्यकता आदि पर भी चर्चा की। बैठक के प्रथम चरण में आपदा प्रबंधन बजट आवंटन पर हुई चर्चा के दौरान राज्यपाल ने निर्देशित किया कि शासन की ओर से आपदा प्रबंधन मद में निर्गत धनराशि का उपयोग रेडक्रास के विभिन्न स्तरों पर संचालित प्रशिक्षण जैसे आवश्यक कार्यक्रमों में किया जाए और रेडक्रास भवन को आपदा प्रबंधन हेतु एक उच्च स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में संचालित करके भवन का सुदुपयोग किया जाए। राज्यपाल ने प्रत्येक जनपद हेतु 'प्रशिक्षण शिविर' के लिए बजट तैयार करने हेतु एक कोर टीम गठित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अपर सचिव राज्यपाल अरूण ढौडियाल, रेडक्रास प्रबंध समिति के चेयरमैन रंजीत सिंह वर्मा, रेडक्रास के अवैतनिक महा सचिव डॉ आईएस पाल, इंडियन रेड क्रास समिति के वाइस चेयरमैन डॉ नरेश चौधरी, अपर सचिव वित्त डॉ एमसी जोशी, आपदा प्रबंधन के निदेशक डॉ पीयूष रौतेला सहित राज्य सेवायोजन, सैनिक कल्याण अनेक स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।