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ढाका। प्रवासी मामलों के मंत्री व्यालार रवि ने कहा है कि भारत सरकार ने भारतीय प्रवासी मजदूरों के कल्याण और संरक्षण के लिए पर्याप्त कदम उठाये हैं। इसमें प्रवासी मजदूरों के आसान आवागमन के लिए नियमों में सुधार और धोखाधड़ी से बचाव के मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा कामगारों की प्रवासी प्रक्रिया को मजबूती देने के लिए पूरी तरह कंप्यूटर वेब आधारित प्रणाली का प्रावधान किया गया है।
व्यालार रवि ने यह बात ढाका में बुधवार को कोलंबो परामर्श प्रक्रिया की चौथी मंत्रिस्तरीय बैठक के संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि भारत ढाका घोषणा और प्रक्रियागत दिक्कतों जैसे दो प्रमुख मुद्दों पर अपना पूरा सहयोग देगा। ढाका घोषणा पत्र के अनुसार प्रवासी मजदूरों की समस्याएं हल करने की दिशा में सदस्य देशों को आपस में सहयोग करना है। उन्होंने एक प्रभावी प्रणाली की वकालत करते हुए कहा कि यह प्रवासी मजदूरों और दूतावासों के बीच पुल का काम करेगी। व्यालार रवि ने क्षेत्रीय सहयोग के पांच बिंदुओं पर जोर दिया, इनमें मॉडल संविदा, घरेलू एवं अनौपचारिक क्षेत्र के लिए कामगारों एवं उनकी विशिष्ट जरूरतें, कामगारों की वैध प्रवेश प्रक्रिया, इन मजदूरों के देश एवं गंतव्य देश में उनके बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान और किसी समस्या की दशा में सहयोग शामिल है।
व्यालार रवि ने प्रवासी मजदूरों के सामाजिक और आर्थिक संरक्षण के लिए परस्पर सहयोग की प्रणाली को मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जीविका सूचकांक के आधार पर इनके वेतन के ढांचों को अंतरराष्ट्रीय मानकों से संबद्ध किया जाना चाहिए। भारत सरकार के इन मजदूरों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उनके लिए नई दिल्ली में एक हेल्पलाइन शुरू की गयी है, यह हेल्पलाइन विभिन्न भारतीय भाषाओं में काम करती है, इसके अलावा गंतव्य देशों में सूचना केंद्र भी बनाये जा रहे हैं, ऐसा एक केंद्र हाल ही में दुबई में खोला गया है।