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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सत्यनिष्ठा और ईमानदारी में उच्च मापदंडों को स्थापित करने के लिए लोक सेवकों पर भ्रष्टाचार रोकने के लिए दबाव बनाने हेतु त्वरित कार्रवाई प्रणाली बनाना हमारा उद्देश्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने के अलावा प्रशासनिक कार्य प्रणालियों को फिर से दुरूस्त करने के साथ-साथ एक त्वरित कार्रवाई प्रणाली की जरूरत है। नई दिल्ली में लोक सेवा दिवस का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकपाल विधेयक के पेश होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि हम लोक प्रबंधन में और पारदर्शिता लाने के प्रति वचनबद्ध हैं। जनोपयोगी वस्तुओं और जन स्रोतों के आवंटन को इस प्रकार से सुनिश्चित किया जाए कि यह उनके हित में हो। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार से मुकाबले के लिए सरकार के प्रयासों में लोक सेवकों से योगदान करने की भी अपील की। मनमोहन सिंह ने कहा कि ईमानदारी और समर्पण के साथ किये जाने वाले लोक सेवकों के कार्यों को लोगों द्वारा सराहा जाता है। उन्होंने लोक सेवकों से अपने ऊपर जनसामान्य के विश्वास को और मजबूत बनाते हुए कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि लोक सेवाएं ही एकमात्र ऐसा मार्ग है, जो सार्वजनिक और व्यक्तिगत जीवन में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मापदंड स्थापित करती हैं और ऐसे ही कार्य करते रहने के प्रति प्रोत्साहन भी देती हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के प्रशासन को मजबूत करने में भी लोकसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। घटते बाल लिंग अनुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए सभी भौतिक और नैतिक संसाधनों के माध्यम से संघर्ष किए जाने की जरूरत है।