स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की शिक्षा एवं परीक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलावों एवं सुधारों के सफल एवं उत्साहजनक परिणामों के बाद माध्यमिक शिक्षा की परीक्षा प्रणाली में एक और महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है जिसके अंतर्गत परीक्षार्थी के लिए प्रश्न-पत्र हल करने के निर्धारित तीन घंटे के समय में पंद्रह मिनट और बढ़ाए जा रहे हैं अर्थात माध्यमिक शिक्षा परिषद के आगामी परीक्षा सत्र में प्रश्न-पत्र का उत्तर देने का समय सवा तीन घंटे होगा।
माध्यमिक शिक्षा में हाईस्कूल में परीक्षार्थियों की ग्रेडिंग प्रणाली एवं स्टेप टू स्टेप मार्किंग प्रणाली की सफलता के बाद माध्यमिक शिक्षा की परीक्षा प्रणाली में यह एक महत्वपूर्ण परिवर्तन माना जा रहा है। परीक्षार्थी को तीन घंटे के समय में जो पंद्रह मिनट बढ़ाए जा रहे हैं उनका परीक्षार्थी धैर्य से प्रश्नपत्र को पढ़ने और उसे समझने में उपयोग कर सकेगा, उसकी तीन घंटे में ही प्रश्न-पत्र को पढ़ने, समझने और उसे हल करने की हड़बड़ाहट खत्म होगी। माना जा रहा है कि परीक्षार्थियों के लिए ये पंद्रह मिनट प्रश्न-पत्र में किसी त्रुटि के निराकरण करने या कराने के लिए भी सहायक होंगे, परीक्षार्थी एक प्रकार से बड़े मानसिक दबाव और अवसाद से मुक्त होंगे। परीक्षार्थियों एवं उत्तर पुस्तिका के निरीक्षकों के बीच भी लंबे समय से चले आ रहे एक गतिरोध को ग्रेडिंग प्रणाली और स्टेप टू स्टेप मार्किंग प्रणाली लागू करके खत्म किया ही गया है।
माध्यमिक शिक्षा प्रणाली में ये ऐसे महत्वपूर्ण सुधार हैं जो परीक्षार्थियों एवं विद्यार्थियों को उन पर शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनों एवं पाठ्यक्रमों के दबाव से उपजे मानसिक अवसाद से मुक्त करते हैं। शिक्षा विभाग का यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है कि जिसमें एक परीक्षार्थी के पास अपने प्रश्न-पत्र को हल करने के लिए पूरे तीन घंटे पंद्रह मिनट होंगे जिनमें प्रतिभाशाली छात्रों को अपनी प्रतिभा का खुलकर प्रर्दशन करने का अवसर होगा। इससे पहले परीक्षार्थी को तीन घंटे में ही प्रश्न-पत्र को पढ़ना, समझा और उसे हल करना होता था उस तीन घंटे में परीक्षार्थी को अपनी उत्तर पुस्तिका में किसी भूल या त्रुटि को एक बार फिर से देखने का अवसर ही नहीं बचता था। निर्धारित समय में उत्तर पुस्तिका जमा करने की हड़बड़ाहट में परीक्षार्थी से नाहक ही गलतियां हो जाया करती थीं।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र का कहना है कि यूं तो प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षा, प्रतियोगिता और प्रतिद्वंदिता उसकी शैक्षिक दिनचर्या का नियमित एवं महत्वपूर्ण पक्ष माना जाता है किंतु यह भी आवश्यक है कि हमारी शिक्षा एवं परीक्षा प्रणाली सामान्य विद्यार्थी से लेकर प्रतिभाशाली विद्यार्थियों तक को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का सहज अवसर उपलब्ध कराए। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में उन बहुत सी नीतियों में बदलाव किया है जिनकी प्रासंगिकता वर्तमान में या तो कम हो गई है या समाप्त हो गई है। शिक्षा के विश्वव्यापी परिदृश्य को देखते हुए और शिक्षा एवं परीक्षा प्रणाली में व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रतियोगात्मक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर शिक्षाविदों एवं शिक्षा विभाग के अनुभवी अधिकारियों के परामर्श और सहयोग के साथ बदलाव किए जा रहे हैं। रंगनाथ मिश्र माध्यमिक शिक्षा में सफल सुधारों का श्रेय राज्य की मुख्यमंत्री मायावती के मार्गदर्शन को देते हैं जो कि स्वयं भी एक शिक्षिका रही हैं।