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मुंबई। जिंबाब्वे क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान डंकन फ्लैचर को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया है। वह भारतीय क्रिकेट टीम के विश्वकप तक कोच रहे गैरी क्रस्टन का स्थान लेंगे। डंकन फ्लैचर की नियुक्ति से भारतीय कोच को लेकर असमंजस की स्थिति भी खत्म हो गई है। बासठ वर्षीय डंकन फ्लैचर 1999 से 2007 तक इंग्लैंड क्रिकेट टीम के भी कोच रहे हैं। यह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के साथ उनका दो वर्ष का अनुबंध है।
फ्लैचर को नियुक्त करने का फैसला बुधवार को बीसीसीआई कार्यकारी समिति की बैठक में हुआ। बीसीसीआई सचिव एन श्रीनिवासन ने एक विज्ञप्ति में कहा कि 'डंकन फ्लैचर को दो साल के लिए भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया है।' उन्होंने मीडिया से कहा कि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि डंकन फ्लैचर जून-जुलाई में वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम के साथ होंगे या नहीं, क्योंकि उनकी कुछ पूर्व प्रतिबद्धताएं हैं। श्रीनिवासन ने बताया कि गेंदबाजी के कोच एरिक सिमंस अपने पद पर बने रहेंगे। ध्यान रहे कि वे क्रस्टन के समय से गेंदबाजी के कोच हैं।
बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बताया कि डंकन फ्लैचर की नियुक्ति की शर्तें भी वैसी ही हैं जैसे कि क्रस्टन के लिए थीं, कोच पद के दावेदार और भी थे और काफी विचार विमर्श के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष और बीसीसीआई सचिव ने डंकन फ्लैचर के नाम का प्रस्ताव किया जिसे समिति ने मंजूर कर लिया। इंग्लैंड के कोच एंडी फ्लावर के नाम पर भी विचार की ख़बरे आई थीं लेकिन सुना गया कि वे इसके लिए तैयार नहीं हुए। न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग को भी भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद का दावेदार माना जा रहा था।
विश्व कप 1983 के दौरान जिंबाब्वे की टीम की कप्तानी करने वाले डंकन फ्लैचर ने केवल छह एक दिवसीय मैच खेले हैं। उनके कॅरिअर की सबसे बड़ी उपलब्धि इंग्लैंड की 2005 में आस्ट्रेलिया पर एशेज सीरीज़ में जीत, वेस्ट इंडीज में 36 साल बाद सीरीज़ की जीत और इंग्लैंड को टैस्ट रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचाना रहा। वे इंग्लैंड की टीम के पहले विदेशी कोच थे, उनके प्रशिक्षण में इंग्लैंड ने लगातार आठ टैस्ट मैचों में जीत दर्ज की थी। उन्हें ब्रिटिश राजघराने ने ओबीई से सम्मानित किया था। इंग्लैंड की टीम भारत और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज़ बराबर करवाने में सफल रही। इंग्लैंड के 2007 विश्व कप में जल्दी बाहर होने के बाद उन्हें आखिर में कोच पद छोड़ना पड़ा था। कहते हैं कि स्वयं गैरी क्रस्टन ने बीसीसीआई को डंकन फ्लैचर का नाम सुझाया था। उनके लिए चुनौती आसान नहीं होगी क्योंकि क्रस्टन ने ऊंचे मानदंड स्थापित किए हैं।