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दिल्ली। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल ही नहीं बल्कि कुशलता से कार्टून भी बना लेते हैं। कार्टून वॉच पत्रिका के कार्टून उत्सव में उन्होंने कार्टून बनाकर सबको हैरत में डाल दिया। इस उत्सव का शुभारंभ ही कलाम ने कार्टून बनाकर किया। उन्होंने एक मुस्कुराता हुआ चेहरा बनाया और कहा कि कार्टूनिस्ट लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहट बिखेरते हैं। शुक्रवार को हिंदी भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में कलाम ने पांच कार्टूनिस्टों को कार्टून वॉच के लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। टाइम्स ऑफ इंडिया के अजीत नैनन, जनसत्ता और नवभारत टाइम्स जैसे विख्यात समाचार पत्रों में रहे कार्टूनिस्ट काक, मधु मुस्कान पत्रिका के नन्हा जासूस, बबलू के रचयिता हुसैन जामिन, छत्तीसगढ़ के बीबी पांडुरंग राव, दैनिक जागरण के कार्टूनिस्ट जगजीत राणा को शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। कार्टून विधा पर उल्लेखनीय कार्य करने के लिए केरल के सुधीरनाथ का भी सम्मान किया गया।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कार्टून वॉच परिवार को इस आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने अपने मित्र कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण के संस्मरण सुनाए। कार्टून वॉच में प्रकाशित उनके स्वयं के कार्टून को दिखाते हुए उसका विश्लेषण भी किया। कलाम ने कार्टून विधा को भ्रष्ट्राचार मुक्त विधा कहा और कहा कि कार्टून बहुत सुखद अनुभूति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि जब वे बहुत तनाव में होते हैं तो कार्टून उन्हें तनावमुक्त करते हैं। कलाम ने कार्टून वॉच के माध्यम से मिशन फॉर कार्टूनिस्ट का सुझाव दिया और कहा कि इस विधा का उपयोग देशहित और देश के निर्माण में किया जा सकता है। उन्होंने कार्टूनिस्टों को सुझाव दिया कि वे लोगों को प्रेरित करने के लिए 'क्या दे सकते है' पर कार्टून बनाए ना कि 'हम क्या ले सकते हैं' पर। उन्होंने गांधी जयंती पर बने कार्टून का भी जिक्र किया जिसमें दर्द के साथ-साथ सकारात्मकता भी परिलक्षित थी।
कार्टून वॉच के संपादक त्र्यम्बक शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि 15 वर्ष से कार्टून वॉच पत्रिका ने नित नये सोपान गढ़े हैं उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कलाम, कार्टून विधा को न सिर्फ पसंद करते हैं अपितु इसकी देश के विकास में उल्लेखनीय भूमिका मानते हैं। इस मौके पर कलाम ने कार्टून वॉच के विशेष अंक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हरिभूमि समाचार पत्र के प्रबंध संपादक हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि, आज जहां हर क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में भ्रष्टाचार से अछूता नहीं रहा है, ऐसे में कार्टूनिस्ट ही ऐसे हैं जो कि निष्पक्ष रूप से सटीक और रोचक तरीके से विषयवस्तु को सामने लाते हैं, ऐसे ईमानदार लोगों को सम्मानित करने से सम्मान की प्रतिष्ठा और अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि अखबारों में जहां थोड़ा ही स्थान कार्टूनों को प्राप्त होता है वहीं इससे संबंधित संपूर्ण पत्रिका का प्रकाशन करना अपने में एक बड़ी बात है।
कार्टून वॉच के प्रधान संपादक पंडित मृत्युंजय शर्मा ने कार्टून वॉच के पिछले सम्मानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे पहले आरके लक्ष्मण, सुधीर तैलंग, आबिद सुरती, प्राण, राजेंद्र धोड़पकर, एचएम सदून, सुरेश सावंत और श्याम जगोता को लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड से नवाज़ा जा चुका है। मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि कार्टून वॉच ने 2008 में लंदन के नेहरू सेंटर में 10 दिवसीय कार्टून प्रदर्शनी का भी आयोजन किया था, जिसको लंदन में भी सराहा गया। उन्होंने कहा कि रायपुर में उनकी देश का पहला कार्टून म्यूज़ियम बनाने की भी योजना है। कार्टून उत्सव को कार्टूनिस्ट अजीत नैनन, काक, हुसैन ज़ामिन, पांडुरंग राव, जगजीत राणा और सुधीरनाथ ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन हनी कुकरेजा ने किया। कार्टूनिस्ट श्याम जगोता, चंदर, अंजना शास्त्री, हरविंदर मंकड़, शालीग्राम शास्त्री, अनिय आर्य, आरती शर्मा, मेहुल शर्मा, गौरव त्रिपाठी, मनमौजी आदि कार्टूनिस्ट भी उत्सव में उपस्थित थे।