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नई दिल्ली। दो लाख सत्तर हज़ार से भी अधिक ग्रामीण डाक सेवकों को सेवानिवृत्ति के पश्चात वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और इसके बदले उन्हें अपनी ओर से कोई व्यय अथवा निवेश भी नहीं करना होगा। भारत सरकार का डाक विभाग प्रति ग्रामीण डाक सेवक प्रतिमाह 200 रूपये जमा करेगा और 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति के बाद ग्रामीण डाक सेवकों और उनके या उनकी, पति या पत्नी को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस पर प्रतिवर्ष लगभग 70 करोड़ रूपये वार्षिक व्यय होगा। ग्रामीण डाक सेवकों के सेवानिवृत्त जीवन को सुरक्षित करने का मुद्दा पिछले कुछ समय से भारत सरकार के ध्यान में लाया जा रहा था। केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट के गुड़गांव में सेवा समाप्ति लाभ योजना (एसडीबीएस) की शुरूआत के साथ यह लागू हो गया।