सुमित गुप्ता
गढ़मुक्तेश्वर। दिल्ली से गाजियाबाद होकर गढ़ जाने वाले मार्ग पर अब आप को तीन स्थानों पर टोल टैक्स देना होगा। अभी तक सिर्फ दो स्थानों पर टोल टैक्स देना पड़ता था। राष्ट्रीय राजमार्ग-24 के चौड़ीकरण के निर्माण के बाद गढ़मुक्तेश्वर के गांव अल्हाबख्शपुर के पास भी टोल टैक्स शुरू होना जा रहा है। सामान्य यातायात के साथ ही तीर्थ नगरी गढ़ में गंगा स्नान करना भी श्रद्धालुओं के लिए और महंगा हो जाएगा। इसका प्रभाव इस क्षेत्र की रोजमर्रा की उपभोक्ता सेवाओं पर भी महंगाई के रूप में पड़ेगा क्योंकि मेला क्षेत्र भी यहां की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के समन्वयक यूपी सिंह ने बताया कि एनएच-24 पर दो अलग- अलग योजनाओं में सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है इसलिए अलग- अलग ही टोल टैक्स वसूला जाएगा। हापुड़ के ततारपुर में काली नदी पर पुल बनाने के बाद से वहां वर्षो से टोल टैक्स वसूला जा रहा है। इसके अलावा डासना में भी टोल टैक्स लिया जा रहा है। इस तरह गाजियाबाद से गंगा स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को डासना, ततारपुर के अलावा अब गढ़ में भी टोल टैक्स देना होगा। यूपी सिंह का कहना है कि जून तक सड़क का निर्माण पूरा होने के बाद अल्हाबख्शपुर पर भी टोल टैक्स लिया जाएगा, लेकिन टोल टैक्स निर्धारित मानकों के अनुसार ही वसूला जाएगा। उनका दावा है कि यात्रियों से जितना टोल टैक्स वसूला जाएगा उन्हें उससे अधिक सुविधा मिलेगी लेकिन अब तक के अनुभव के अनुसार स्थानीय लोगों को उनका दावा केवल दावाभर ही है।
गढ़मुक्तेश्वर का धार्मिक महत्व सर्वविदित है। यहां श्रद्घालुओं का गंगा में स्नान के लिए दूर-दूर से आना-जाना होता है। ऐसे अनेक दृष्टांत हैं जिनमें इस बात का ध्यान रखा गया है कि ऐसे स्थानों पर आगंतुकों को ऐसी परेशानियों से सामना न करना पड़े जो उनके आध्यात्मिक मार्ग में खलल डालती हों। टोल टैक्स स्थलों पर ऐसी समस्याएं हर रोज देखने और सुनने को मिलती हैं जिनमें टकराव और कानून व्यवस्था तक की नौबत आती है। जनसामान्य में यह धारणा है कि पहले से ही गढ़ में उपभोक्ता वस्तुओं पर महंगाई का भारी दबाव है। धार्मिक स्थानों के व्यस्त मार्गों पर इस प्रकार के टैक्सों का यहां काफी विरोध है कुछ लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार हज जैसी धार्मिक यात्राओं के लिए सब्सिडी देती है दूसरी ओर इस तरह के टैक्स लगाकर तुष्टिकरण बढ़ाती है।