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देहरादून। बांग्लादेश के उच्चायुक्त तारिक अहमद करीम ने मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से शुक्रवार को सचिवालय में भेंट की और कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में अवस्थापना सुविधाएं बेहतर हैं और यहां पर शिक्षा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल विद्युत और पर्यटन के क्षेत्र में आपसी भागीदारी संभव है, बांग्लादेश के लिए तो जलवायु परिवर्तन का बेहद महत्व है। करीम ने मुख्यमंत्री से कहा कि बांग्लादेश और भारत ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से एक दूसरे के बेहद करीब हैं और एक दूसरे की उन्नति में ही दोनों राष्ट्रों की भलाई है।
उच्चायुक्त का कहना था कि उत्तराखंड से उनका बेहद लगाव है और उनका परिवार अक्सर अवकाश के दिनों में उत्तराखंड आता रहता है। बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में बांग्लादेश ने अपनी कुल वन संपदा का लगभग 40 प्रतिशत गवां दिया है, उनकी कोशिश होगी कि बांग्लादेश के वन विभाग के साथ एफआरआई का कोई समझौता हो सके। उन्होंने उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा के प्रसार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों और यहां के तकनीकी कालेजों के मध्य छात्र एवं शिक्षकों का आदान प्रदान भी किया जा सकता है, साथ ही उन्होंने कहा कि यहां की निजी तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में बांग्लादेशी विद्यार्थियों के लिए कुछ सीटें आरक्षित करने का भी प्रस्ताव रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अपनी विशिष्ट स्थिति के कारण पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में नेतृत्व कर सकता है।
मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उच्चायुक्त का स्वागत करते हुए कहा कि भारत एवं बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी, बांग्लादेश ने भी कई मायनों, जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य और ग्रामीण बैंकिंग में तरक्की कर विकासशील देशों को राह दिखाई है। उन्होंने उच्चायुक्त के सुझाव का स्वागत करते हुए अपने सचिव उमाकांत पंवार को निर्देश दिये कि, उत्तराखंड में शीघ्र ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अंतर क्षेत्रीय जलवायु परिवर्तन विषयक कार्यशाला आयोजित की जाए। निशंक ने उच्चायुक्त को उत्तराखंड के पर्यटन, आयुर्वेद, वन एवं वन्य जीव संरक्षण के प्रयास और अटल आदर्श ग्रामों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड, बांग्लादेश के साथ सभी संभावित क्षेत्रों में भागीदारी के लिए तैयार है। इस अवसर पर सलाहकार डॉ राजेश नैथानी और बांग्लादेश उच्चायोग के वाणिज्य सलाहकार मोहम्मद हबीबुर्रहमान खान भी उपस्थित थे।