स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार मधुबन होटल सभागार में दीप प्रज्ज्वलन कर 'एंबेसडर्स मीट' का शुभारंभ किया और कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन, जड़ी-बूटी, पर्यावरण संरक्षण जैविक कृषि, फार्मा और ऊर्जा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ बेहतर कार्य किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने समारोह में आये 12 देशों के राजदूतों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पूरे विश्व के लिए एक बड़ी पाठशाला की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि यहां 12 हजार से अधिक वन पंचायतें हैं और यहां के लोग वनों को अपने बच्चों की तरह प्यार करते हैं।
निशंक ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को गंभीरता से लेते हुए ग्लेशियरों के संरक्षण के लिए हिमनद प्राधिकरण बनाया है और उत्तराखंड तेजी से एजुकेशन हब के रूप में भी विकसित हो रहा है। उन्होंने जैविक कृषि की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तराखंड में बेमौसमी सब्जियों और फलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है। उत्तराखंड की औद्योगिक प्रगति का उल्लेख करते हुए निशंक ने कहा कि यह राज्य तेजी से एक बड़े ऑटो मोबाइल हब के रूप में विकसित हो रहा है। उत्तराखंड के उद्योगपतियों को विदेशी साझेदारी के साथ होटल व्यवसाय, आयुष ग्राम, जड़ी-बूटी कृषिकरण, योग आयुर्वेद पंचकर्मा के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशनी चाहिएं। उन्होंने शीतकालीन क्रीड़ा के केंद्र के रूप औली और जल क्रीड़ा के लिए टिहरी झील को और अधिक विकसित करने की बात भी कही।
उत्तराखंड में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश की संभावनाओं पर विचार विमर्श के लिए उत्तराखंड सरकार और इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में 12 देशों के राजदूत भाग ले रहे हैं जिनमें बांग्लादेश, गैबन, जार्जिया, सेनेगल, मेडागास्कर, मलय, नेपाल, त्रिनिनाड, टोबैगो और सिंगापुर आदि राष्ट्र शामिल हैं। इस अवसर पर आमंत्रित राजदूत, राज्य स्तरीय उद्योग मित्र परिषद के उपाध्यक्ष अनिल गोयल, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव वित्त आलोक जैन, एफआरडीसी राजीव गुप्ता, प्रमुख सचिव उद्योग एस रामास्वामी, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ उमाकांत पंवार अपर सचिव डॉ अजय प्रद्योत सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, उद्योगपति एवं आमंत्रित अतिथि उपस्थित थे।